महाराष्ट्र के ठाणे जिले में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाते वक्त एक 26 वर्षीय महिला ने मृत बच्चे को जन्म दिया। 25 परिवारों वाले गांव में सड़क न होने के कारण महिला को अस्थायी पालकी (स्थानीय भाषा में ‘डोली’ कहा जाता है) से अस्पताल ले जाया जा रहा था। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने पुष्टि की कि घटना गुरुवार को भिवंडी तालुका के धीगाशी गांव के धर्मचपड़ा में हुई। उन्होंने बताया कि दर्शना कार्ले को इसलिए एक डोली में चिकित्सा केंद्र ले जाया जा रहा था क्योंकि गांव तक उचित सड़क नहीं थी। उसे मृत बच्चे के जन्म का अनुभव हुआ और उसके साथ आने वाले लोगों द्वारा उसे गांव वापस ले जाया गया। उसकी एक लड़की और दो लड़की हैं और यह होता तो इसने चौथा बच्चा होना था। गणेशपुरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. माधव कावले ने बताया कि घटना के बारे में पता चलने पर उन्होंने गांव का दौरा किया। उन्होंने बताया कि महिला की हालत अब स्थिर है और उसका उपचार किया जा रहा है। डॉ. कावले ने कहा, “महिला 24 अगस्त को नियमित जांच के लिए पीएचसी आई थी और उन्हें भर्ती करने की सलाह दी गई थी क्योंकि उसकी नियत डेट नजदीक थी। हालांकि उसने और उसके परिजनों ने कहा उन्हें कपड़े लेने के लिए वापस जाने की जरूरत है। फिर वे कभी वापस नहीं आए। पीएचसी की एक नर्स ने 26 अगस्त को उससे मुलाकात की थी।” पीएचसी के अधिकारी ने बताया, उसके पति ने नर्स से कहा था कि उनकी पत्नी एक या दो दिन में भर्ती हो जाएगी। उसे यहां अंबाड़ी के साप्ताहिक बाजार जाने पर भी भर्ती होने के लिए कहा गया था। हालांकि, उन्होंने देरी की और गुरुवार को उसने एक मृत बच्चे को जन्म दिया।
25 परिवारों वाले गांव में नहीं थी सड़क, पालकी पर ले जाते वक्त महिला ने मृत बच्चे को जन्म दिया
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