तेरह साल बीत गए हैं, लेकिन उस काली रात की चीखें (13 Years of Mumbai Terror Attacks) जैसे आज भी हर हिंदुस्तानी के जेहन में कौंध रही हैं। 26 नवंबर 2008, पाकिस्तान से आए 10 दहशतर्दों ने मुंबई में मौत का नंगा नाच (26/11 Mumbai Attacks) किया। 166 मासूम लोगों की जान चली गई। 9 लश्कर आतंकियों को हमारे जांबाज पुलिस बल और कमांडोज में मार गिराया। एक दरिंदे अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा। 21 नवंबर 2012 को उसे भी सूली पर लटकाया गया। लेकिन मुंबई के ताज होटल से उठता वो धुआं आज भी हमारी आंखों में जल रहा है। 300 लोग इस दहशत की आगोश में घायल हुए थे। अंधाधुंध गोलियों की बौछार के पीछे ऐसी सैकड़ों कहानियां हैं, जिसे तब से लेकर अब तक सिनेमा और ओटीटी की दुनिया में कई बार, कई तरीके से दिखाया गया। इस अटैक ने देश के सीने पर कभी न भरने वाला वो घाव दिया है, जो इस तारीख पर हर साल जैसे हरा हो जाता है। यही कारण है कि हाल के दिनों में भी जब ओटीटी पर इस हमले से जुड़ी वेब सीरीज (Web Series on Mumbai Attacks) रिलीज हुई, तो हर हिंदुस्तानी अपने बेडरूम से ड्रॉइंग रूम तक सिहर गया। एक नजर ऐसी ही 5 फिल्मों और वेब शोज पर जिसने न सिर्फ उस दर्द और चीख को जुबान दी, बल्कि उस सच से भी रूबरू करवाया जो दुनियाभर के लिए एक चेतावनी है। यह मुंबई हमलों पर बनी हालिया वेब सीरीज है। इस सीरीज की कहानी के केंद्र में बॉम्बे जनरल अस्पताल के वो डॉक्टर्स और नर्स हैं, जिन्होंने इस हमले के बीच न सिर्फ लोगों की जान बचाई, बल्कि वो इसे झेलने वाले पहले पीड़ितों में से थे। डर, दर्द और खौफ का वह मंजर कैसा था, वह इस 8 एपिसोड की सीरीज को देखकर समझ सकते हैं। इस सीरीज को निखिल आडवाणी से डायरेक्ट किया है। सीरीज में मोहित रैना, कोंकणा सेन शर्मा, टीना देसाई, श्रेया धनवंतरी, सत्यजीत दुबे, नताशा भारद्वाज और मिशल रहेजा जैसे दिग्गज ऐक्टर्स हैं। मैथ्यू ल्यूटवायलर और प्रशांत सिंह के डायरेक्शन में बनी यह सीरीज न सिर्फ खौफ की बानगी है, बल्कि यह हमारे कमांडोज के ऑपरेशन की भी अनकही कहानी कहती है। उनके बलिदान और वीरता को करीब से देखना है, तो यह सीरीज जरूर देखनी चाहिए। 8 एपिसोड के इस वेब सीरीज में अर्जन बाजवा, अर्जुन बिजलानी, विवेक दहिया के साथ मुकुल देव और नरेन कुमार जैसे दिग्गज ऐक्टर्स हैं। ओटीटी पर रिलीज हुई यह फिल्म 26/11 को ताज होटल पर हुए आतंकी हमले की कहानी कहती हैं। कहानी के केंद्र में होटल का स्टाफ है, जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बगैर उन अतिथियों की जान बचाना ज्यादा जरूरी समझा जो होटल में उस दिन रुके हुए थे। एंथनी मारस के डायरेक्शन में बनी इस थ्रिलर फिल्म में देव पटेल, अर्मी हैमर, नाजनीन और अनुपम खेर ने प्रमुख भूमिका निभाई है।साल 2013 में रिलीज इस फिल्म को राम गोपाल वर्मा ने डायरेक्ट की है। इसमें कोई दोराय नहीं है कि 2008 के मुंबई हमलों पर बनी यह सबसे बेहतरीन फिल्म है। संजीव जायसवाल ने इस फिल्म से डेब्यू किया और अजमल कसाब की भूमिका निभाई है। फिल्म में नाना पाटेकर लीड रोल में हैं। हमले और कसाब की गिरफ्तारी के बाद क्या-कुछ हुआ, उसे जानने समझने के लिए यह फिल्म जबरदस्त है। खासकर अफसर की भूमिका में नाना पाटेकर और कसाब बने संजीव के बीच की बातचीत को देख-सुन दहशत के इस गोरखधंधे की अनसुलझी पहेली भी कुछ हद तक सुलझती नजर आती है।
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