दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उपग्रह संचार सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम का आवंटन को लेकर अहम जानकारी साझा की है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, उपग्रह संचार सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम का आवंटन 2जी सेवाओं की तरह ‘पहले आओ, पहले पाओ’ की तर्ज पर नहीं किया जाएगा। दूरसंचार मंत्री ने भारत आर्थिक सम्मेलन को संबोधित करते हए कहा कि वैज्ञानिक बाधाओं के कारण उपग्रह सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी करना संभव नहीं है। उन्होंने कहा, दुनिया में ऐसा कोई देश नहीं है जो उपग्रह स्पेक्ट्रम की नीलामी करता हो क्योंकि इसकी नीलामी करना भौतिक रूप से असंभव है। अगर आप आर्थिक तर्क लाते हैं तो फिर आप इसे प्रशासनिक रूप से कैसे आवंटित करेंगे? सिंधिया ने साफ तौर पर कहा कि, मूल्य निर्धारण ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर नहीं होने जा रहा है। ऐसा कुछ नहीं होने वाला है। इसका निर्णय दूरसंचार विनियामक ट्राई करेगा। प्राधिकरण आवंटन की कीमत तय करेगा और उसके आधार पर लाइसेंस पाने वाले हरेक व्यक्ति को स्पेक्ट्रम आवंटित किया जाएगा। सिंधिया ने कहा कि स्पेक्ट्रम आवंटन से जुड़ा हुआ एक वैज्ञानिक तर्क है और एक आर्थिक तर्क है। आप किसी ऐसी चीज की नीलामी कैसे कर सकते हैं जो साझा की गई हो? आप केवल उसी चीज की नीलामी कर सकते हैं जो किसी व्यक्ति विशेष के पास हो। दुनिया भर में हर एक देश इसके भौतिकी सिद्धांतों की वजह से उपग्रह स्पेक्ट्रम को हमेशा प्रशासनिक रूप से आवंटित करता है। आपको बता दें कि, परंपरागत दूरसंचार सेवाएं मुहैया करा रही कंपनियों ने उपग्रह स्पेक्ट्रम का आवंटन नीलामी के बगैर प्रशासनिक स्तर पर ही किए जाने के प्रस्ताव का विरोध किया है। हालांकि सरकार की ओर से इस नीलामी को लेकर खंडन किया गया है।
इस वजह से हुए 4जी सेवाओं को शुरू करने में देरी
दूरसंचार मंत्री ने घाटे में चल रही सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल के बारे में कहा कि यह कंपनी 2021 से परिचालन लाभ कमा रही है और उसका राजस्व भी लगभग 12 प्रतिशत बढ़कर 21,000 करोड़ रुपये हो गया है। उन्होंने कहा कि बीएसएनएल ने स्वदेशी रूप से विकसित प्रौद्योगिकी पर आधारित नेटवर्क शुरू करने का विकल्प चुना था। जिसकी वजह से उसे 4जी सेवाओं की पेश करने में थोड़ी देर हुई है। सिंधिया ने कहा, हमने करीब 62,000 टावर अब तक स्थापित कर दिए हैं। भारत दुनिया का महज पांचवां देश है जिसके पास अपना 4जी हार्डवेयर और अपना 4जी ढांचा है। अगले साल मई-जून तक एक लाख टावर लगाए जा चुके होंगे। उन्होंने कहा कि जून 2025 तक देश के हर कोने में दूरसंचार कनेक्टिविटी उपलब्ध हो जाएगी।
‘2जी सेवाओं जैसा आवंटन नहीं’; उपग्रह स्पेक्ट्रम की नीलामी पर केंद्रीय मंत्री का बड़ा बयान
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