क्रिकेट विश्वकप के गुरुवार को आगाज के साथ ही देश में इस चैंपियनशिप से 18,000 करोड़ से 22,000 करोड़ रुपये के कारोबार की उम्मीद है। इस दौरान, दिहाड़ी कामगारों और प्रबंधन से जुड़े लोगों की 1,000 करोड़ रुपये तक की कमाई हो सकती है। फूड डिलीवरी व स्क्रीनिंग से 5,000 करोड़ रुपये के कारोबार का अंदाजा है। बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट के अनुसार, मैचों के टिकटों की बिक्री से 2,200 करोड़ रुपये मिलेंगे। सबसे ज्यादा टीवी प्रायोजक के रूप में 10,500 से लेकर 12,200 करोड़ रुपये, जबकि टीमों पर 250 करोड़ रुपये खर्च हो सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, विश्वकप में विदेशी पर्यटकों से 600 करोड़ रुपये का राजस्व मिल सकता है। घरेलू पर्यटकों से 250 करोड़ रुपये के राजस्व की उम्मीद है। रिपोर्ट के अनुसार, मर्चेंडाइज कारोबार 200 करोड़ और दर्शकों का खर्च 500 करोड़ रुपये हो सकता है। देश में क्रिकेट की दीवानगी हर वर्ग व उम्र के लोगों को लुभाती है। लिहाजा, चालू वित्त वर्ष की जीडीपी पर भी सकारात्मक असर होगा। 2019 में इंग्लैंड में हुए विश्वकप का असर वहां की जीडीपी पर दिखा था। सेवा व आतिथ्य, परिवहन क्षेत्र को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा।
25 लाख क्रिकेट प्रेमी पहुंचेंगे स्टेडियम
रिपोर्ट के अनुसार, पिछली बार 55 करोड़ क्रिकेट प्रेमियों ने मैच देखा था। इस बार उससे ज्यादा की उम्मीद है जो टीवी, ओटीटी और अन्य प्लेटफॉर्मों के जरिये मैच देखेंगे। मर्चेंडाइज खरीदी में भी लोगों की दिलचस्पी बनी रहेगी। 2011 में भारत ने विश्वकप जीता था और उसके बाद पहली बार भारत में आयोजन हो रहा है। यह चौथी बार है, जब भारत विश्वकप की मेजबानी कर रहा है। करीब 25 लाख क्रिकेट प्रेमी स्टेडियम में मैच देखने पहुंचेंगे।
55 करोड़ से ज्यादा दर्शक देखेंगे मैच, 22000 करोड़ का होगा कारोबार, जीडीपी पर दिखेगा सकारात्मक असर
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