शारदीय नवरात्रि आते ही पूरे देश में जगह-जगह पर रामलीलाओं का मंचन शुरू हो जाता है। इसमें राम के जीवन की कथाओं के साथ-साथ रामलीलाओं की विशेष प्रस्तुति का तरीका भी दर्शकों के बीच चर्चा का विषय बन जाती है। इसी क्रम में दिल्ली की श्रीराम भारतीय कला केंद्र की तरफ से प्रस्तुत की जाने वाली नृत्य नाटिका ‘श्रीराम’ कथा की भी खूब चर्चा होती है जो इस वर्ष अपनी स्थापना का 68वें संस्करण दर्शकों के सामने पेश करेगी।
कला केंद्र की चेयरपर्सन शोभा दीपक सिंह ने कहा है कि इसकी कल्पना उनकी मां सुमित्रा चरत राम के की तरफ से की गई थी। चेयरपर्सन शोभा दीपक सिंह ने आगे बताया कि बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से मिले संस्कारों ने उन्हें श्रीराम के निर्माण के लिए प्रेरित किया था। श्रीराम में पुरानी कथा को आधुनिकता के साथ जोड़कर प्रस्तुत किया जाता है, जिसमें नृत्यनाटिका के जरिए राम के जन्म से लेकर उनके जीवन की कहानी को प्रदर्शित किया जाता है। इसे देख दर्शकों को अलग स्तर का अनुभव होता है। जानकारी के मुताबिक दिल्ली की श्रीराम भारतीय कला केंद्र की तरफ से हर दिन करीब ढाई घंटे तक रामलीला का मंचन किया जाता है।