सॉफ्टवेयर क्षेत्र की प्रमुख कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने एक ब्लॉग में आरोप लगाया है कि भारत और अमेरिका जैसी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में इस साल चुनाव होने जा रहे हैं। ऐसे में चीन अपने हितों को साधने के लिए एआई-जनित सामग्री का इस्तेमाल कर सकता है। ब्लॉग में कहा गया कि इस साल दुनियाभर में होने वाले प्रमुख चुनावों खासतौर पर भारत, दक्षिण कोरिया और अमेरिका में हमने आकलन किया है कि चीन अपने हितों को लाभ पहुंचाने के लिए एआई-जनित सामग्री बनाएगा और उसका विस्तार करेगा। इस ब्लॉग में उत्तर कोरिया के उन तत्वों का भी जिक्र किया गया है जो साइबर धमकी देते हैं और इन तीन देशों में चुनावों को निशाना बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। ब्लॉग में कहा गया है कि चीन चुनाव परिणामों को प्रभावित करने वाली सामग्री मीम्स, वीडियो और ऑडियो की संख्या बढ़ाकर प्रयोग करना जारी रखेगा और भविष्य में यह प्रभावी साबित हो सकते हैं। बॉलीवुड अभिनेत्री रश्मिका मंदाना का एक फर्जी वीडियो वायरल होने के बाद एआई-जनित डीपफैक की जांच के लिए सरकार तेजी से हरकत में आई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संबंधित सवालों पर गूगल के एआई प्लेटफॉर्म के जवाब से विवाद पैदा हो गया था। जिसके बाद इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने एआई-जनित सामग्री को लेकर दिशानिर्देश जारी किए। माइक्रोसॉफ्ट के इस ब्लॉग में मंदारिन और अंग्रेजी भाषा में एआई-जनित वीडियो के स्क्रीनशॉट साझा किए गए। जिनमें आरोप लगाया गया था कि म्यांमार में अशांति के लिए अमेरिका और भारत जिम्मेदार हैं। ब्लॉग में दावा किया गया कि चीन से धमकी देने वाले आर्थिक और सैन्य हितों से संबंधित संस्थाओं को निशाना बनाते हैं।
AI की मदद से भारत और अमेरिका के चुनावों में गड़बड़ी कर सकता है चीन, माइक्रोसॉफ्ट का दावा
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