गुजरात आतंक रोधी दस्ते (एटीएस) ने मंगलवार को कहा कि उसने 34 लाख रुपये कीमत की लगभग 1,700 किलोग्राम केमिकल पाउडर जब्त किया है, जिसका उद्देश्य साइकोट्रोपिक ड्रग अल्प्राजोलम का उत्पादन करना था। एटीएस द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, 19 अगस्त को मोरबी शहर में एक रासायनिक कारखाने के एक गोदाम से केमिकल जब्त किया गया था। अल्प्राजोलम का इस्तेमाल एनक्जाइटी और पैनिक डिसऑर्डर के इलाज के लिए किया जाता है और यह एनडीपीएस अधिनियम के तहत एक मादक पदार्थ भी है। एटीएस ने 17 अगस्त को वडोदरा शहर के पास एक निर्माणाधीन फैक्ट्री में छापेमारी कर 1,125 करोड़ रुपये मूल्य का 225 किलोग्राम पार्टी ड्रग मेफेड्रोन जब्त करने के मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया था। एटीएस द्वारा विज्ञप्ति में कहा गया है कि यहां की एक अदालत ने आरोपियों को 26 अगस्त तक एटीएस की हिरासत में भेज दिया। एटीएस ने 17 अगस्त को वडोदरा शहर के पास एक निर्माणाधीन फैक्ट्री में छापेमारी कर 1,125 करोड़ रुपये मूल्य का 225 किलोग्राम पार्टी ड्रग मेफेड्रोन जब्त करने के मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया था। विज्ञप्ति में कहा गया है कि यहां की एक अदालत ने आरोपियों को 26 अगस्त तक एटीएस की हिरासत में भेज दिया है। जांच से पता चला कि मुख्य आरोपी महेश वैष्णव और एक अन्य आरोपी पीयूष पटेल ने भी अल्प्राजोलम का उत्पादन और बिक्री करके पैसा बनाने की योजना बनाई थी। एजेंसी ने विज्ञप्ति में कहा कि दोनों ने कुछ महीने पहले मोरबी की एक फैक्ट्री में कीटनाशक बनाने की आड़ में साइकोट्रोपिक ड्रग बनाने की प्रक्रिया शुरू की थी। दोनों ने ड्रग के उत्पादन के लिए कुल सात चरणों में से पहले ही दो प्रक्रियाएं पूरी कर ली थीं और केमिकल पाउडर को कारखाने के गोदाम में संग्रहीत कर लिया था। एटीएस की एक टीम ने मोरबी में गोदाम पर छापा मारा और 34 लाख रुपये का पाउडर जब्त किया। दूसरी टीम ने सूरत में वैष्णव के आवास पर छापा मारा और पचास लाख रुपये नकद जब्त किए। ये पचास लाख रुपये उसने भरूच में एक केमिकल फैक्ट्री में निर्मित मेफेड्रोन की एक छोटी मात्रा को बेचकर हासिल किए थे।
ATS को मिली कामयाबी, अल्प्राजोलम के प्रोडक्शन के लिए बनाया गया 1,700 किलोग्राम केमिकल पाउडर जब्त किया
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