कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे प्रदर्शनकाारियों पर लाठीचार्ज को लेकर सरकार पर जमकर हमला बोला। वायनाड से सांसद प्रियंका ने सोमवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का डबल इंजन युवाओं पर डबल अत्याचार का प्रतीक बन गया है। दरअसल, बीपीएससी की 13 दिसंबर को हुई परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर पटना में विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने रविवार को पानी की बौछार की और हल्का बल भी प्रयोग किया। इसके साथ ही जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर और उनकी पार्टी के अध्यक्ष समेत 600-700 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। प्रियंका गांधी ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘बिहार में तीन दिन के अंदर दूसरी बार छात्रों पर अत्याचार किया गया। परीक्षाओं में भ्रष्टाचार, धांधली, पेपर लीक रोकना सरकार का काम है। लेकिन भ्रष्टाचार रोकने की जगह छात्रों को आवाज उठाने से रोका जा रहा है।’ उन्होंने कहा कि इस कड़ाके की ठंड में युवाओं पर पानी की बौछार और लाठी चार्ज करना अमानवीय है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा का डबल इंजन युवाओं पर डबल अत्याचार का प्रतीक बन गया है। बीपीएससी की संयुक्त प्राथमिक परीक्षा 13 दिसंबर 2024 को आयोजित हुई। इस परीक्षा का विज्ञापन सितंबर 2024 को जारी हुआ था और परीक्षा में 4,83,000 उम्मीदवारों ने आवेदन किया, जिनमें से 3,25,000 उम्मीदवारों ने परीक्षा दी। यह परीक्षा बिहार लोकसेवा आयोग के तहत 2031 पदों पर भर्तियों के लिए हुई, जिनमें 200 पद एसडीएम, 136 पद डीएसपी और अन्य गजेटेड अधिकारियों के पद शामिल हैं। हालांकि परीक्षा होने से पहले 6 दिसंबर को परीक्षा को लेकर विवाद शुरू हो गया। यह विवाद परीक्षा के सामान्यीकरण को लेकर हुआ।
छात्रों ने क्या आरोप लगाए?
छात्रों ने आरोप लगाया कि बिहार लोकसेवा आयोग परीक्षा में सामान्यीकरण प्रक्रिया को लागू कर सकता है। हालांकि, बीपीएससी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। बीपीएससी ने इन्हें सिर्फ अफवाह करार दिया। जब परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों की संख्या बहुत ज्यादा होती है तो दो या उससे अधिक पालियों में परीक्षा कराई जाती है। ऐसी स्थिति में अगर किसी पाली का पेपर कठिन आता है और उसमें अभ्यर्थियों के कम नंबर आते हैं। वहीं दूसरी पाली का पेपर थोड़ा आसान होता है और उसमें अभ्यर्थियों के ज्यादा नंबर आते हैं तो सामान्यीकरण प्रक्रिया लागू होने की स्थिति में कठिन पेपर वाली पाली के अभ्यर्थियों के नंबर में थोड़ी बढ़ोतरी कर दी जाएगी। इस तरह अंकों का सामान्यीकरण कर दिया जाता है। छात्र इसका विरोध कर रहे हैं और उनका कहना है कि इससे उनकी मेरिट पर असर पड़ेगा। छात्रों की मांग है कि परीक्षा एक ही पाली में कराई जाए ताकि सामान्यीकरण की जरूरत ही न पड़े।