महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में महायुति गठबंधन ने प्रचंड जीत हासिल की है और भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई। पिछले कई दिनों से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर सियासी बवाल मचा हुआ था। हालांकि, गुरुवार को नई सरकार बन गई। मुंबई के आजाद मैदान में आयोजित शपथ समारोह में देवेंद्र फडणवीस ने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वहीं, एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री की जिम्मेदारी ली। हालांकि, सरकार बनाने से पहले जो भी हुआ उस पर विपक्ष अभी भी निशाना साध रहा है। उद्धव ठाकरे की शिवसेना के नेता संजय राउत ने दावा किया कि शिंदे को इसलिए डिप्टी सीएम के रूप में शपथ लेना पड़ा क्योंकि भाजपा ने उनके बिना ही नई सरकार के शपथ ग्रहण करने की योजना बना ली थी। संजय राउत ने कहा कि महायुति को प्रचंड बहुमत मिलने के बावजूद राज्य सरकार के पास अब तक पूर्ण कैबिनेट नहीं है, जो संकेत देता है कि गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं है। यहां तक कि प्रचंड जनादेश के बावजूद भाजपा को महाराष्ट्र में सरकार बनाने में 15 दिन लग गए। उन्होंने आगे कहा, ‘एकनाथ शिंदे को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेनी पड़ी। भाजपा ने एकनाथ शिंदे के बिना ही शपथ ग्रहण समारोह करने की योजना बना ली थी। अगर उन्होंने भाजपा पर दबाव बनाने का अड़ियल रवैया बनाए रखा होता तो पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने (राज्य नेतृत्व को) सूचित कर दिया होता कि वह उनके बिना आगे बढ़ जाए।’
यह लोग शपथ ग्रहण समारोह में रहे शामिल
भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार शाम मुंबई के आजाद मैदान में आयोजित एक भव्य समारोह में तीसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री और एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए। शिंदे पहले उपमुख्यमंत्री के रूप में काम करने के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन भाजपा और उनकी पार्टी के विधायकों के आग्रह के बाद वे शामिल हुए। उन्होंने इस बात पर चुप्पी बनाए रखी थी कि वे नई सरकार का हिस्सा होंगे या नहीं। शपथ ग्रहण समारोह से कुछ घंटे पहले ही शिवसेना के एक विधायक ने पुष्टि की कि शिंदे उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। राउत ने भाजपा पर केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करके राज्य में प्रतिशोध की राजनीति करने का आरोप लगाया। शिंदे पर परोक्ष हमला करते हुए शिवसेना (यूबीटी) सांसद ने यह भी कहा कि शपथ ग्रहण समारोह के दौरान कुछ चेहरे खुश नहीं थे। उन्होंने कहा, ‘जब 2019 में उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, तब भी यही चेहरे उदास थे।’