आए दिन ठगों के अनोखे कारनामे सामने आते रहते हैं। ऐसा ही एक अनोखा मामला महाराष्ट्र के पालघर से सामने आया है। यहां, पुलिस ने दो आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरोप है कि दोनों आरोपियों ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के जाली हस्ताक्षर वाले सरकारी लेनदेन की भुगतान पर्ची दिखाकर 1.31 करोड़ रुपये की ठगी कर ली। पालघर पुलिस के एक अधिकारी ने रविवार को इसके बारे में जानकारी दी। वालिव पुलिस थाने के अधिकारी ने बताया कि स्टेशनरी दुकान मालिक जिग्नेश गोपानी ने आरोपी जतिन पवार और वसई तालुका के नालासोपारा निवासी शुभम वर्मा पर उनसे ठगी करने का आरोप लगाया है।उन्होंने बताया कि आरोपियों ने दावा किया था कि वे राज्य सरकार के ई-पोर्टल की एक फ्रेंचाइजी शुरू करना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने जिग्नेश गोपानी को अपनी साझेदारी स्कीम बताई और उसे साझेदार बनने के लिए कहा और गोपानी से फीस के रूप में एक लाख रुपये ले लिए। इसके बाद भी दोनों ने कई बार सौदे की बात कहकर और रुपये लिए। इस तरह कुल मिलाकर गोपानी से 1,31,75,104 लिए गए। इसके बाद 25 अगस्त को, आरोपी ने गोपानी को ई-पोर्टल फ्रेंचाइजी प्राप्त करने के लिए लाइसेंस, परमिट और अन्य शुल्क के लिए भुगतान की गई राशि के लिए भुगतान पर्ची दी। पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने गोपानी को बताया कि यह राज्य के आबकारी विभाग द्वारा जारी की गई थी। संयोग से भुगतान पर्ची पर एकनाथ शिंदे का नाम अंग्रेजी में उनके हस्ताक्षर के साथ टाइप किया गया था। बाद में सीएम एकनाथ शिंदे के हस्ताक्षर वाली भुगतान पर्ची को लेकर गोपानी को कुछ शक हुआ तो उसने अपने स्तर पर जांच के बाद पुलिस से संपर्क किया। जिसके बाद उसकी शिकायत के आधार पर शनिवार देर रात मामला दर्ज किया गया। वालिव पुलिस थाने के अधिकारी ने बताया कि धोखाधड़ी और अन्य अपराधों के लिए भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के प्रावधानों के तहत दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। साथ ही आरोपी जतिन पवार और शुभम वर्मा को पकड़ने के प्रयास जारी हैं।
CM शिंदे के हस्ताक्षर से दो ठगों ने दुकानदार को लगाया करोडों का चूना, अब पुलिस तलाश में जुटी
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