महाराष्ट्र में सीट बंटवारे पर महा विकास अघाड़ी (एमवीए) में सियासी घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस और उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना के बीच तनातनी चल रही है। हालांकि, एनसीपी एसपी प्रमुख शरद पवार का कहना है कि राज्य की कुल 288 सीटों में से 90 से 95 फीसदी पर एमवीए सहमति पर पहुंच गया है। पवार ने भाजपा पर परोक्ष हमला बोलते हुए कहा कि उनकी लड़ाई उन लोगों के खिलाफ है, जिन्होंने प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों को विभाजित किया और जिन्होंने उनकी विचारधारा से समझौता किया। इसके अलावा, उन्होंने दावा किया कि जो सत्ता में हैं, उन्होंने लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं किया। बता दें, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को होने हैं और वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी। नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 29 अक्तूबर है। एमवीए में एनसीपी(एसपी), कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) शामिल हैं। जून 2022 में शिवसेना विभाजित हो गई थी, जिससे ठाकरे की एमवीए सरकार गिर गई, जबकि शरद पवार की स्थापना वाली एनसीपी जुलाई 2023 में उनके भतीजे अजित पवार के सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल होने के बाद दो गुटों में टूट गई।
राजनीतिक दलों में फूट डाली
शरद पवार ने कहा, ‘जो सत्ता में हैं, उन्होंने लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं किया। हमलोग उन लोगों के खिलाफ लड़ रहे हैं जिन्होंने राजनीतिक दलों में फूट डाली, अपनी विचारधारा से अनावश्यक समझौता किया और वो काम किए जो उन्हें नहीं करने चाहिए थे।’ चुनाव में सरकार की कल्याणकारी योजनाओं जैसे लड़की बहिन योजना से विपक्ष के समक्ष संभावित चुनौतियों के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा कि जो लोग इतने लंबे समय से सत्ता में हैं, उन्होंने ऐसी कोई योजना नहीं बनाई है। पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि इस साल की शुरुआत में लोकसभा चुनाव में (सत्तारूढ़ महायुति को) एक बड़े झटके के बाद ही लड़की बहिन योजना शुरू की गई थी। एमवीए ने राज्य की कुल 48 लोकसभा सीटों में से 31 पर जीत हासिल की थी।