संवाददाता।
देश भर के लोकप्रिय व सुप्रसिद्ध कवि और श्रेष्ठ साहित्यकारों की उपस्थिति में आयोजित होनेवाले श्रेष्ठ हिन्दी साहित्य उत्सव- अनुभूति का यह तीसरा आयोजन था। जानकारी के मुताबिक शनिवार 6 अक्टूबर 2018 को पासवान-ए-अदब द्वारा अनुभूति 2018 का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम मुंबई मंत्रालय के सामने नरीमन पाईंट के यशवंतराव चव्हाण हाॅल मे शाम छहः बजे शुरू हुआ और देर रात तक चला। इस कार्यक्रम में अशोक चक्रधर, डॉ उदय प्रताप सिंह, डॉ सचिदानंद जोशी, रमेश शर्मा, बनज कुमार बनज, आयुष चराग, मल्लिका राजपूत, डॉ अनवर सिद्दीकी, कैसर खालिद, नीना गुप्ता जैसे लोकप्रिय व सुप्रसिद्ध कवि हिस्सा लिया। प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी कार्यक्रम में प्रवेश मुफ्त था। पासवान-ए-अदब – परिचय— आज का युवा वर्ग अपनी परंपराओं से कटकर पाश्चात्य संस्कृति की ओर मुड़ रहा है, जिसमें हमारी संस्कृति की जड़ें खोखली होती जा रही है। इन परिस्थितियों में अपनी साहित्य- संस्कृतिक कला को जीवित रखने के लिए पासवान-ए-अदब इस संस्था को उभारा है। पासवान-ए-अदब का अर्थ है साहित्य के संरक्षण, अर्थात साहित्य की सुरक्षा करना। इस संस्था का उद्देश्य देश की साहित्यिक तथा सांस्कृतिक गुणवत्ता को बनाए रखना तथा समाज में उनके मूल्यों को पुनः स्थापित करना है और इसी उद्देश्य से इस संस्था ने अब तक कई बड़े साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन किया है। जिसमें इजहार ( अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन) अनुभूति ( श्रेष्ठ हिंदी साहित्य उत्सव), मीरास- द हेरिटेज ( अर्थात, हमारी विरासत), काव्यांजलि (जतन साहित्य संपदेचे) इन कार्यक्रमों का समावेश है। ये कार्यक्रम उर्दू, हिन्दी व मराठी भाषाओं में किए जाते है, इसके साथ ही इन कार्यक्रमों में अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक सम्मेलन, वरिष्ठ साहित्यिक रचनाओं की संगीतमय प्रस्तुति सोष्ठि, विचारमंथन तथा रचनाओं का प्रकाशन शामिल है। इतना ही नहीं पासवान-ए-अदब द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में कवियों का जीवन परिचय सभागृह के स्टेच पर फिल्म के माध्यम से दर्शाया जाता है। जिसमें कवियों के जीवन परिचय के बारे मे श्रोता जान सकें। कार्यक्रम कम्प्यूटराईड फ्लाॅ चार्ट के माध्यम से किया जाता है। जिसके चलते कार्यक्रमों कि लोकप्रियता और भी बढ़ रही है। संस्थापक अध्यक्ष कैसर खालिद- परिचय पुलिस महानिरीक्षक आईपीएस अधिकारी होने के साथ- साथ कैसर खालिद मुंबई में पासवान- ए- अदब और दिल्ली में जश्ने- अदब नाम की संस्थाओं के अध्यक्ष है, इन संस्थाओं के जरिए साहित्य सृजन व देश की गंगा- जमनी तहजीब को कायम रखने का प्रयास करते है। कैसर खालिद का मानना है कि समाज के सभी वर्गों में संवेदना जगाए रखने के लिए साहित्य की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। वे कहते है कि साहित्य में विचार होता है और जबतक हम किसी चीज को वैचारिक थरातल पर एकजुटता के साथ नहीं देखते तबतक हमारी मानवता नहीं जग पाती। विचारों का जो आदान प्रदान साहित्य के जरिए होता है। आज जरूरत है इसी एकता और संभालने की जरूरत है और इसी विचार से प्रेरित होकर दोनों संस्थाओं की निर्मिती भी की गई है।
अनुभूति 2018 श्रेष्ठ हिन्दी साहित्य उत्सव हुआ संपन्न
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