दिग्गज कारोबारी रतन टाटा के निधन के बाद टाटा मोटर्स के पिंपरी-चिंचवाड़ सयंत्र के कर्मचारियों ने शोक के बावजूद अपना कार्य जारी रखा। रतन टाटा का बुधवार रात मुंबई के एक अस्पताल में निधन हुआ। टाटा मोटर्स कर्मचारी संघ के महासचिव अजीत पैगुडे ने कहा, रतन सर को श्रद्धांजलि देने के लिए आज संयंत्र में पूरी क्षमता से उत्पादन जारी रहा, जबकि हर कर्मचारी टाटा सर के निधन से शोक में था। उन्होंने बताया कि जब जेआरटी टाटा का निधन हुआ था, तब (रतन) टाटा सर का मानना था कि संयंत्र में काम नहीं रुकना चाहिए, ताकि देश को नुकसान न हो। पैगुडे ने बताया कि कर्मचारी दुखी थे लेकिन फिर भी उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों को निभाया। उन्होंने कहा, कल हमने परिसर में शोक सभा का आयोजन किया है, क्योंकि कई कर्मचारी अंतिम संस्कार में भाग लेने के लिए मुंबई गए थे। उन्होंने यह भी बताया कि टाटा संयंत्र का दौरा करते थे। वह हमेशा कर्मचारी संघ के सदस्यों से मिलते थे, क्योंकि वह इसका सम्मान करते थे। पिंपरी-चिंचवाड़ संयंत्र में करीब 5,500 कर्मचारी कार्यरत हैं।
महाराष्ट्र में टाटा के नाम से मिलेगा उद्योग रत्न पुरस्कार; उद्योग भवन का नामकरण भी
इसी बीच एक अन्य अहम घटनाक्रम में राज्य सरकार ने रतन टाटा की याद में अवॉर्ड देने का फैसला लिया है। सरकार ने टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा को भारत रत्न देने का प्रस्ताव पारित करने के अलावा उनके सम्मान में दो अन्य अहम फैसले किए हैं। उद्योग मंत्री उदय सामंत ने बताया कि अब राज्य सरकार की ओर से उद्योग जगत में उल्लेखनीय कार्य करने वालों को ‘रतन टाटा उद्योग रत्न पुरस्कार’ प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा मुंबई में उद्योग भवन का नाम भी रतन टाटा उद्योग भवन होगा। दिलचस्प बात यह है कि रतन टाटा को राज्य सरकार का पहला उद्योग पुरस्कार मिला है। उन्हें 19 अगस्त, 2023 को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजित पवार उद्योगपति रतन टाटा के घर गए। पिछले साल टाटा को जो पुरस्कार मिला था, वह पुरस्कार अब उनके नाम पर रखा गया है।