मनोज बाजपेयी के बाद मशहूर अभिनेता और कॉमेडियन अमोल पालेकर ने भी फिल्म इंडस्ट्री पर उनकी फिल्मों को ऑस्कर में भेजने के लिए लॉबिंग करने का आरोप लगाया है। अमोल पालेकर को 2015 में भारत के ऑस्कर जूरी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था, जो अकादमी पुरस्कारों के लिए भारतीय फिल्मों का चयन करने के लिए जिम्मेदार है। एक हालिया इंटरव्यू में अमोल पालेकर से पूछा गया कि क्या उन पर चैतन्य तम्हाने की ‘कोर्ट’ के बजाय अपनी फिल्म का चयन करने के लिए किसी सुपरस्टार द्वारा दबाव डाला गया था, जो उस वर्ष ऑस्कर के लिए भारत का आधिकारिक चयन था। इस पर अमोल पालेकर ने बड़ा बयान देकर हर किसी को चौंका दिया। अमोल पालेकर ने खुलासा किया कि जब वह जूरी में सदस्य थे तो उन्हें किसी बड़े स्टार की फिल्म को ऑस्कर में भेजने के लिए बॉलीवुड लॉबी के दबाव का सामना करना पड़ा था। जूरी के पास चैतन्य तम्हाने की ‘कोर्ट’ पसंदीदा थी, लेकिन एक सुपरस्टार ने उन पर उनकी फिल्म पर विचार करने का दबाव डाला था। यूं तो पालेकर या इंटरव्यूअर ने किसी फिल्म या किसी स्टार का नाम नहीं लिया लेकिन लोगों का मानना है कि वह आमिर खान और उनकी फिल्म ‘पीके’ के बारे में बात कर रहे थे।
‘लापता लेडीज’ को लेकर भी बनीं धारणाएं
लोग सोच रहे हैं कि इस बार भी जूरी सदस्यों पर दबाव डालकर ‘लापता लेडीज’ का चयन किया गया क्योंकि आम धारणा थी कि फिल्म ऑस्कर मानकों के अनुरूप नहीं थी। नेटिजन्स कह रहे हैं कि केवल एक बार आमिर की फिल्म ‘लगान’ को ऑस्कर के लिए चुना गया था और तब से वह भारत के एकमात्र व्यक्ति की तरह व्यवहार कर रहे हैं जो भारत के लिए ऑस्कर ला सकता है। और इस आत्ममुग्धता में, भारत ने ‘ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट’ के लिए एक योग्य पुरस्कार पाने का मौका खो दिया। जानकारी हो कि इस साल भारत की ओर से ऑस्कर सबमिशन को लेकर बड़ा विवाद हुआ था। ‘ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट’ जैसी फिल्म के बावजूद आमिर खान के प्रोडक्शन वेंचर की फिल्म ‘लापता लेडीज’ ऑस्कर की रेस में शामिल हुई थी। इसे 13 लोगों की जूरी ने चुना था। हालांकि, अब ‘लापता लेडीज’ ऑस्कर की रेस से बाहर हो गई है।