गुजरात में जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, वहां चुनावी प्रचार की तस्वीर बदलती जा रही है। कांग्रेस पार्टी, जिस बात को लेकर चिंतित थी, अब वैसा कुछ देखने को मिल रहा है। गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनावी प्रचार को छोड़ दें, तो बाकी चुनावों में राहुल गांधी ने जमकर प्रचार किया था। उस दौरान वही हुआ, जैसा भाजपा चाहती थी। चुनाव को ‘मोदी बनाम राहुल’ के एजेंडे पर ले जाया गया। यही वजह रही कि इस बार राहुल गांधी को चुनाव प्रचार से दूर रखा गया। वे हिमाचल प्रदेश के चुनाव में भी नहीं गए। गुजरात चुनाव में राहुल गांधी, केवल एक दफा आए हैं। दो-तीन दिन पहले तक, गुजरात के चुनावी माहौल में हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा भी सुस्त पड़ा था। अब एकाएक असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने अपने तीन पॉइंट के जरिए गुजरात में चुनावी माहौल गर्मा दिया। उन्होंने राहुल गांधी के चेहरे की तुलना सद्दाम हुसैन से कर दी। उन्होंने कहा, वे सद्दाम हुसैन की तरह क्यों दिखते हैं। श्रद्धा वॉकर की हत्या और ‘देश में समान नागरिक संहिता’ इन मुद्दों को भी अच्छी खासी हवा दे दी। अभी तक चुनाव से दूर रहा श्रद्धा वॉकर हत्या का मामला, अब तेजी से आगे बढ़ रहा है। दो-तीन दिन से भाजपा नेताओं ने इस मुद्दे पर खुलकर बोलना शुरू कर दिया है। असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने गुजरात में यहां तक कह दिया कि मुंबई की लड़की श्रद्धा वॉकर की दिल्ली में उसके प्रेमी आफताब द्वारा की गई जघन्य हत्या, लव जिहाद का मामला है। देश में इसके खिलाफ कड़े से कड़ा कानून बनाया जाना चाहिए। हिमंता सरमा ने धंसुरा की जनसभा में कहा, एक व्यक्ति श्रद्धा को मुंबई से दिल्ली लाता है। श्रद्धा से शादी करने का वादा किया। बाद में उस व्यक्ति ने श्रद्धा शरीर के 35 टुकड़े कर दिए। उसे काटकर फ्रिज में रख दिया गया। हिमंता सरमा ने जनसभा में कहा, जब पुलिस ने आरोपी से पूछा कि तुम केवल हिंदू महिलाओं को ही क्यों लाते हो, तो आफताब बोला कि हिंदू भावुक होते हैं। सरमा बोले, अगर कोई दल, लव जिहाद के खिलाफ कठोर बना सकता है, तो वह केवल भाजपा ही है। अन्य किसी पार्टी में ‘लव जिहाद’ के खिलाफ कानून बनाने की हिम्मत नहीं है। हिमंता बिस्वा सरमा के अलावा महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, कपिल मिश्रा और भाजपा के अन्य नेता भी इस मुद्दे पर खुलकर बोलने लगे हैं। मुख्यमंत्री सरमा के बाद गुजरात भाजपा इस मुद्दे को हाथोंहाथ ले रही है। श्रद्धा मर्डर केस के अलावा सरमा ने, गुजरात चुनाव में यूनिफार्म सिविल कोड का मुद्दा भी उछाल दिया। सरमा ने एक रैली में कहा, अगर हिंदू एक शादी करता है, तो दूसरे धर्मों के लोगों को भी एक ही शादी करनी पड़ेगी। हमारे देश में एक व्यक्ति दो-तीन शादी कर लेता है। वे यानी मुस्लिम क्यों करेंगे इतनी शादी। हिंदू धर्म की तरह दूसरे धर्म के लोगों को भी एक ही शादी करनी होगी। इसके लिए देश में समान नागरिक संहिता कानून लागू होना चाहिए। असम के मुख्यमंत्री यहीं पर नहीं ठहरे, उन्होंने वह काम भी कर दिया, जिससे कांग्रेस अभी तक बचती आ रही थी। गुजरात चुनाव में राहुल का मुद्दा अभी तक न के बराबर था। कांग्रेस पार्टी, स्थानीय मुद्दों पर चुनाव प्रचार कर रही थी।
चुनाव में किसे हो सकता है राजनीतिक नुकसान
गुजरात में असम के सीएम ने राहुल गांधी पर जोरदार प्रहार किया है। उन्होंने मंगलवार को अहमदाबाद की एक रैली राहुल गांधी के लुक का मुद्दा उठा दिया। सरमा बोले, कांग्रेस के एक नेता का लुक बदल गया है। वह सद्दाम हुसैन की तरह दिखने लगे हैं। सरमा ने राहुल गांधी को सलाह देते हुए कहा, अगर आपको अपना लुक बदलना है, तो कम से कम वल्लभभाई पटेल या जवाहरलाल नेहरू जैसा बना लेते। गांधीजी की तरह दिखते तो और भी अच्छा रहता। आप ‘सद्दाम हुसैन’ की तरह क्यों दिखते हैं। सरमा ने कहा, राहुल गांधी गुजरात में एक अतिथि की तरह आए हैं। हिमाचल चुनाव तो में वे गए ही नहीं। जिन प्रदेशों में चुनाव नहीं हो रहा, राहुल गांधी वहीं जाते हैं। सरमा ने सवाल के लहजे में कहा, जहां चुनाव होता है, राहुल वहां पर नहीं जाते हैं। उन्हें हारने का डर है। वे जानते हैं कि मैं जहां जाऊंगा, वहीं हार जाऊंगा। कांग्रेस पार्टी के रणनीतिकारों ने सरमा की बयानबाजी को गंभीरता से लिया है। भले ही दिग्विजय सिंह, इस मुद्दे पर ज्यादा नहीं बोले। उन्होंने कहा, ये अति निंदनीय है, मगर कांग्रेस पार्टी के दूसरे नेता इस तरह की बयानबाजी को वोटों के ध्रुवीकरण के हिसाब से देख रहे हैं। पार्टी नेताओं को यह अहसास है कि चुनाव के पहले चरण के मतदान से पहले अगर गुजरात में विकास के मुद्दों से हटकर, ‘सद्दाम, लव जिहाद और समान नागरिक संहिता’, जैसी बातें चुनाव में होती हैं तो पार्टी को इसका राजनीतिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।