नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहा आसाराम बापू मंगलवार को 11 साल बाद जोधपुर सेंट्रल जेल से बाहर आया। दरअसल, उसे दिल संबंधी बीमारी के इलाज के लिए महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के खोपोली के एक अस्पताल में लाया गया है। राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा बापू को इलाज कराने की अनुमति देने के दो सप्ताह बाद उसे एक आयुर्वेदिक अस्पताल लाया गया। एक पुलिस अधिकारी ने बुधवार को बताया कि साल 2013 की सितंबर में गिरफ्तार कि गए 83 साल के आसाराम को पूरी पुलिस सुरक्षा के साथ मंगलवार रात करीब आठ बजे खोपोली के एक आयुर्वेदिक अस्पताल के मल्टीडिसप्लीनरी कार्डिएक केयर क्लीनिक लाया गया है। उन्होंने बताया किअगले सात दिन तक अस्पताल में बापू का हृदय संबंधी बीमारी का इलाज चलेगा। बता दें, हाईकोर्ट ने 13 अगस्त को आसाराम को पुलिस हिरासत में महाराष्ट्र के एक आयुर्वेदिक अस्पताल में सात दिनों तक इलाज कराने की अनुमति दी थी। साथ ही पैरोल देते समय हाईकोर्ट ने कुछ शर्तें रखी थीं, जिसमें यह भी शामिल था कि उनके साथ चार पुलिसकर्मी यात्रा करेंगे, उन्हें अपने साथ दो परिचारक रखने की भी अनुमति थी। उन्हें पुणे में एक निजी कॉटेज में रखा जाएगा और इलाज का पूरा खर्च और आने-जाने के साथ-साथ पुलिस व्यवस्था में होने वाला खर्च भी उन्हें ही वहन करना होगा।
अस्पताल में पुलिसकर्मी तैनात
बाद में, उसे जोधपुर पुलिस की एक टीम और दो अटेंडेंट के साथ फ्लाइट से मुंबई लाया गया। यहां से उसे खोपोली के अस्पताल ले जाया गया। अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा के तौर पर अस्पताल में रायगढ़ पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। एक सितंबर, 2013 को उनकी गिरफ्तारी के बाद यह पहली बार है कि अदालत ने उसकी कोई प्रार्थना स्वीकार की है। स्वास्थ्य के आधार पर सजा निलंबित करने की आसाराम की याचिका को पहले हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था।