इस्राइल और हिजबुल्ला के बीच शुरू हुए संघर्ष में ईरान भी शामिल हो गया है। इससे पश्चिम एशिया में तनाव चरम सीमा पर पहुंच गया है और इसके व्यापक युद्ध में बदलने का खतरा पैदा हो गया है। ईरान के राजदूत इराज इलाही का कहना है कि एक बड़ी ताकत और ग्लोबल साउथ की आवाज होने के नाते भारत तनाव को कम करने में सक्रिय भूमिका निभा सकता है। भारत में ईरान के राजदूत इलाही ने तनाव कम करने के लिए दूसरे देशों से संपर्क साधने के सवाल पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि रूस और चीन के साथ तो ईरान सीधे संपर्क में है, लेकिन भारत के साथ नहीं। लेकिन उन्होंने कहा कि ईरान ने भारत के साथ-साथ प्रभाव रखने वाले अन्य देशों को भी आमंत्रित किया है कि वह अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए इस्राइल से तनाव कम करने के लिए कहें। इलाही ने कहा कि हम मानते हैं कि क्षेत्र को शांति और स्थिरता की आवश्यकता है। हम, ईरान के रूप में, एक शक्तिशाली देश के बजाय एक शक्तिशाली क्षेत्र चाहते हैं। किसी देश के विकास के लिए शांति और स्थिरता पूर्व शर्त है। लेकिन फलस्तीन में जो हो रहा है उसके प्रति हम उदासीन नहीं रह सकते। फलस्तीन में चल रहा रक्तपात एक ऐसी चीज है जिसकी हम अनदेखी या उपेक्षा नहीं कर सकते। ईरान और इस्राइल की तरफ से हालिया सैन्य कार्रवाइयों पर उन्होंने कहा कि इस्राइल के सैन्य और खुफिया ठिकानों पर मिसाइल हमला करने के पीछे हमारी मंशा इस्राइल को स्पष्ट संदेश देना था। हमारे सर्वोच्च सैन्य कमांडर ने स्पष्ट रूप से यह बता दिया है कि ईरानी हितों और बुनियादी ढांचे पर किसी भी हमले का करारा जवाब दिया जाएगा।
ईरानी राजदूत बोले- भारत ग्लोबल साउथ की आवाज, तनाव कम करने में सक्रिय भूमिका निभा सकता है
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