महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू होने के साथ ही राजनीतिक मतभेद खुलकर सामने आने लगे है। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर कहा है कि पहले मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करें फिर विधानसभा चुनाव का प्रचार अभियान शुरू करें। पिछले दिनों उद्धव ने इसी मकसद से दिल्ली की दौड़ लगाई थी लेकिन खाली हाथ वापस लौट आए थे। शुक्रवार को उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर गुजारिश की। लेकिन कांग्रेस और एनसीपी (शरद) सुप्रीमो शरद पवार ने उन्हें कोई भाव नहीं दिया। राज्य में विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर शुक्रवार को मुंबई के षडमुखानंद हाल में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी (एसपी) गठबंधन एमवीए के पदाधिकारियों का सम्मेलन आयोजित किया गया। इस दौरान उद्धव ठाकरे ने कहा कि गठबंधन में लाठी चलाने वाले बैठे हैं। लेकिन मुख्यमंत्री पद का चेहरा कौन होगा, उद्धव ठाकरे या कोई और। यहां शरद पवार और पृथ्वीराज चव्हाण अपनी पसंद की घोषणा करें। आप में से कोई भी मुख्यमंत्री का चेहरा बने, हम उसका समर्थन करेंगे। उद्धव ने कहा कि बिना चेहरा घोषित किए चुनाव लड़ना खतरा है। ठाकरे ने कहा कि अगर, यह फार्मूला अपनाया गया कि जिसके पास अधिक सीटें उसका मुख्यमंत्री, तो दूसरे सहयोगी दल को कमजोर करने की कोशिश की जाती है। इसलिए हमें उस नीति पर नहीं चलना है।
कहा-वक्फ की संपत्ति किसी को छूने नहीं दूंगा
उद्धव ठाकरे ने वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पर भी अपना रुख स्पष्ट किया। उद्धव ने कहा कि वक्फ बोर्ड और मंदिर संस्थान की संपत्ति को किसी को छूने नहीं दूंगा। अगर, इस विधेयक पर चर्चा तय होता तो सांसद सदन में होते और विधेयक पर अपना पक्ष रखते। उद्धव ने कहा कि वक्फ बोर्ड छोड़ो, मंदिर की जमीन भी चोरी हो रही है। हम ऐसा नहीं होने देंगे। बता दें कि दो दिन पूर्व लोकसभा में विधेयक पेश होने पर शिवसेना (यूबीटी) के सांसदों के गैरहाजिरी पर मुस्लिम संगठनों ने उद्धव ठाकरे के आवास (मातोश्री) पर मोर्चा निकालकर विरोध प्रदर्शन किया था। वक्फ पर उद्धव का बयान इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जा रहा है।