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एकनाथ शिंदे के बेटे के जरिए शिवसेना ने खेला ये बड़ा दांव, क्या ‘प्लान बी’ करेगा उद्धव सरकार का उद्धार?

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महाराष्ट्र का सियासी ड्रामा अपने हाई लेवल पर पहुंच गया है। शिवसेना में बगावत बढ़ती जा रही है। सीएम उद्धव ठाकरे के गुट से एक के बाद एक विधायक टूटते जा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में विधायकों ने बगावत का झंडा बुलंद कर रखा है। इस बीच शिवसेना ने पार्टी को फजीहत को बचाने के लिए प्लान बी पर काम करना शुरू कर दिया है। पार्टी ने अपने दोनों सदनों के सांसदों की एक टोली बनाकर उन्हें सरकार बचाने के लिए सक्रिय कर दिया है। ये सभी सांसद एकनाथ शिंदे के सांसद बेटे श्रीकांत शिंदे से संपर्क साध रहे हैं। उद्धव समर्थक सांसद श्रीकांत को दोस्ती की दुहाई देने के साथ-साथ उद्धव के नेतृत्व में पार्टी को एकजुट रखने जैसे बाते कर रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि सांसदों की टोली श्रीकांत के साथ कई दौर की बातचीत कर चुकी है। महाराष्ट्र के मंत्री एकनाथ शिंदे ने करीब छह दिन से अपने समर्थक विधायकों के साथ गुवाहाटी में डेरा डाल रखा है। वहीं उनके सांसद बेटे श्रीकांत शिंदे ने ठाणे में पिता के समर्थन में मोर्चा संभाल रखा है। सांसद श्रीकांत के नेतृत्व में ही हाल ही एकनाथ शिंदे समर्थक कार्यकर्ताओं ने शिवसेना कार्यालय पर पहुंचकर प्रदर्शन किया था। ऐसे में अब पार्टी के अन्य सांसद श्रीकांत के जरिए एकनाथ तक पहुंचने की कोशिशों में जुटे हुए नजर आ रहे हैं। श्रीकांत इस समय कल्याण लोकसभा सीट से शिवसेना से सांसद हैं। पूरे प्रदेश में पार्टी के लोकसभा में 19 और राज्यसभा से तीन सांसद हैं। ऐसे में पांच सांसदों का दल श्रीकांत से संपर्क में लगा हुआ है। इसके जरिए वे एकनाथ शिंदे तक पहुंचकर उन्हें मनाने की कोशिश कर रहे हैं। शिवसेना से जुड़े सूत्रों का दावा है कि पार्टी की एकजुटता को देखते हुए सांसदों की टोली श्रीकांत से कई दौर की बातचीत कर चुकी है।

आपस में न भिड़ें शिंदे और शिवसेना समर्थक

शिवसेना के सांसदों की टोली से जुड़े विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि हाल ही में सीएम उद्धव ठाकरे की बैठक के बाद सभी सांसद भी एक्टिव मोड में आ गए हैं। सभी सांसद तनाव को कम करने की कोशिशों में जुटे हुए नजर आ रहे हैं। मुंबई, ठाणे के अलावा प्रदेश में कहीं भी शिंदे समर्थक और शिवसैनिकों के बीच आपसी भिंडत न हो। क्योंकि अगर दोनों गुटों के समर्थक अगर एक दूसरे के सामने आते हैं तो इसका सबसे ज्यादा नुकसान शिवसेना को होगा। इसलिए सभी की कोशिश है कि इस तनाव को रोका जाए। इसके अलावा सांसदों की टोली लगातार श्रीकांत शिंदे से लगातार बात कर ही है। उद्धव समर्थक सांसद श्रीकांत को उनकी दोस्ती की दुहाई देने के साथ-साथ उद्धव साहब के नेतृत्व में पार्टी को एकजुट रखने जैसे बाते कर रहे हैं। वहीं सभी सांसद दूसरी तरफ उद्धव ठाकरे से भी अनुरोध कर रहे हैं कि वे बागी नेताओं के प्रति सख्ती न दिखाएं और सुलह पर जोर दें। हालांकि पार्टी के सांसद यह भी मानते हैं कि दोनों गुटों के बयानों के बाद विवाद बहुत आगे तक बढ़ गया है। ऐसे में बागियों को मनाना आसान नहीं है।

संजय राउत पर भड़के श्रीकांत शिंदे

इस बीच शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के बेटे और कल्याण से सांसद श्रीकांत शिंदे ने संजय राउत को चेतावनी दी है। श्रीकांत ने राउत पर उस बयान के लिए निशाना साधा है, जिसमें शिवसेना नेता ने बागियों को ‘बिना आत्मा का शरीर’ करार दे दिया था। श्रीकांत ने कहा कि राउत को जुबान संभालकर बात करनी चाहिए। वे भी किसी के पिता हैं और उनका परिवार भी उनके बयानों को देख रहा है। महाराष्ट्र की यह संस्कृति नहीं है। जिस लहजे में राउत यह बयान दे रहे हैं, उसे पूरा राज्य देख रहा है। यह तभी होता है, जब किसी को सत्ता जाती हुई दिखती है। श्रीकांत शिंदे ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र के विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल ने उनके पिता और 15 अन्य असंतुष्ट विधायकों को दबाव में अयोग्य करार देने का नोटिस भेजा था, जो कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से स्पष्ट है। न्यायालय ने महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष द्वारा जारी अयोग्यता नोटिस के खिलाफ यथास्थिति बनाए रखते हुए सोमवार को कहा कि संबंधित विधायकों की अयोग्यता पर 11 जुलाई तक फैसला नहीं लिया जाना चाहिए।

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