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ओला और उबर के विलय की चर्चा पर भाविश अग्रवाल ने दी सफाई, बोले- ‘बिल्कुल बकवास…’

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ओला के सह-संस्थापक भाविश अग्रवाल ने साफ किया है कि ओला और उबर का विलय नहीं होने वाला है। उन्होंने इन खबरों को बकवास करार दिया है। दरअसल, कैब सेवा प्रदान करने वाली कंपनी ओला और उबर को लेकर चर्चा चल रही थी कि दोनों साथ में विलय कर सकती हैं। हालांकि इन खबरों को बल मिलने से पहले ही भाविश अग्रवाल ने साफ कर दिया है कि ऐसा कुछ भी नहीं होने जा रहा है और ऐसी खबरें सिर्फ बकवास हैं।भाविश अग्रवाल ने अपने एक ट्वीट में लिखा है कि ये सब बिल्कुल बकवास है। हम मुनाफा कमाने वाली कंपनी हैं और अभी हमारी ग्रोथ बेहतरीन चल रही है। अगर कोई दूसरी कंपनी बाजार छोड़ना चाहती है, तो उसका स्वागत है। हम किसी कंपनी के साथ विलय नहीं करने जा रहे हैं। वैसे उबर की तरफ से भी उन रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया गया है जिनमें कहा गया था कि ओला के अधिकारियों के साथ कंपनी की बैठक हुई है और विलय को लेकर बातचीत हुई है। हालांकि उबर ने इन खबरों को नकार दिया है। उधर, विलय से संबंधित खबरें मीडिया में आने पर तमाम तरह की अटकलें भी शुरू हो गई थीं। कैब सेवा प्रदाता कंपनी ओला और उबर ये दोनों ही कंपनियों इन दिनों मुश्किल हालात का सामना कर रही हैं। दरअसल, कोरोना काल के बाद बाजार में कई सारे बदलाव आए हैं। इसके अलावा ओला को अपना ग्रॉसरी बिजनेस बंद करना पड़ा है। वहीं उबर को भी अपना खाद्य प्रदाता सेवा उबर ईट्स को जोमैटो को बेचनी पड़ी है। अधिक से अधिक ग्राहक पाने की चाह में दिए गए कैशबैक या कम किराए जैसी रियायत वाले ऑफरों ने भी इन कंपनियों की हालत बिगाड़ी है। ऐसे में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि ये दोनों ही कंपनियां जल्द ही आपस में विलय कर सकती हैं। हालांकि देखा जाए तो ओला से बजाय इस समय उबर ज्यादा चुनौती का सामना कर रही है। एशिया में सिर्फ जापान और भारत तक ही उबर का बाजार सीमित है। कुछ देशों में उसे अपनी सेवाएं बंद भी करनी पड़ी हैं। कोरोना ने भी इनके बिजनेस को प्रभावित किया है।

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