मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अब राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता भी बरकरार हो जाएगी। वे चुनाव भी लड़ सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को कांग्रेस नेता, विपक्षी दलों के गठबंधन ‘INDIA’ और खुद के लिए किसी मास्टर स्ट्रोक से कम नहीं मान रहे हैं। राहुल गांधी की सजा पर रोक लगना, इससे विपक्षी एकता को मजबूती मिलेगी। कांग्रेस पार्टी के नेता सचिन पायलट कहते हैं, संसद में राहुल की उपस्थिति का निश्चित तौर पर फायदा मिलेगा। इस साल होने वाले चार राज्यों के विधानसभा चुनाव और अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन को ज्यादा मजबूती मिलेगी। संसद में कांग्रेस पार्टी और विपक्ष का दबदबा बढ़ जाएगा। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद कांग्रेस पार्टी में जश्न का माहौल है। मोदी सरनेम केस में राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म होने के बाद सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे की जोड़ी संसद में विपक्षी एकता को आगे बढ़ाने में लगे थे। अब उन्हें राहुल गांधी का साथ मिलेगा। अगर जल्द ही राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल होती है, तो वे मणिपुर हिंसा पर विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर बोलेंगे। कांग्रेस नेता सचिन पायलट इस बात को स्वीकार करते हैं कि इससे विपक्षी गठबंधन को नई ताकत मिलेगी। आम जनता में यह धारणा बनने लगी थी कि न्यायपालिका को प्रभावित किया जा रहा है। राहुल गांधी की सजा पर रोक लगना, इससे न्यायपालिका के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ गया है। राहुल गांधी को पद से कोई मोह नहीं रहा है। वे विपक्षी गठबंधन की बैठकों में साफ कर चुके हैं कि कांग्रेस पार्टी को पीएम पद से कोई लेना देना नहीं है। पद के पीछे वे कभी नहीं भागे हैं। पद का लोभ न कांगेस पार्टी को है और न ही राहुल गांधी को है। राहुल गांधी का एक ही मकसद है, लोकसभा चुनाव में विपक्षी एकता को मजबूती से आगे बढ़ाना है। अब राहुल गांधी, सदन में जनहित के मुद्दों को और ज्यादा मजबूती से उठाएंगे। कांग्रेस पार्टी के नेता और उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा, सुप्रीम कोर्ट का फैसला कांग्रेस पार्टी के लिए बहुत अहम है। इससे देश के हर हिस्से में कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नया जोश देखने को मिल रहा है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से न्यायपालिका पर लोगों का भरोसा बढ़ा है। केवल कांग्रेस पार्टी ही नहीं, बल्कि आम भारतीय भी अब निडरता से यह बात कह सकता है कि देश में अदालत है। वह किसी के दबाव में नहीं है। लोगों का न्याय पर विश्वास बढ़ेगा। राहुल गांधी अब ‘इंडिया’ को एक नई ताकत के साथ आगे लेकर जाएंगे। कांग्रेस पार्टी के दूसरे नेताओं का कहना है, राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी को पद का मोह नहीं है। भाजपा की तरफ से यह प्रचारित किया जा रहा था कि ‘इंडिया’ के पास पीएम पद के लिए कोई उम्मीदवार नहीं है। राहुल गांधी की सजा पर रोक लगने के बाद अब काफी हद तक भाजपा को ऐसा कहने का मौका नहीं मिलेगा। ये अलग बात है कि राहुल गांधी खुद कह चुके हैं कि उन्हें विपक्षी एकता को मजबूत करना है। उन्हें पीएम पद का लालच नहीं है। राहुल गांधी की एक ही मकसद है, इंडिया की मजबूती।
कांग्रेस और ‘INDIA’ के लिए मास्टर स्ट्रोक से कम नहीं है राहुल की सजा पर रोक, विपक्ष होगा मजबूत
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