गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण का प्रचार मंगलवार शाम को थम जाएगा। एक दिसंबर को सौराष्ट्र-कच्छ और दक्षिणी गुजरात की 19 जिलों की 89 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। ऐसे में सभी राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। पीएम मोदी से लेकर गृहमंत्री शाह अपना गढ़ बचाने के लिए ताबड़तोड़ रैलियां करते हुए नजर आ रहे हैं। पीएम मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह समेत भाजपा के स्टार प्रचारक पहले चरण का प्रचार खत्म होने तक 280 से ज्यादा सभाएं कर चुके हैं। पीएम मोदी, शाह और नड्डा गुजरात में औसतन हर दिन चार रैलियां कर रहे हैं। पीएम हर रैली में 30 मिनट अपना भाषण दे रहे हैं। अभी तक पीएम 27 से ज्यादा रैली कर चुके हैं। अपने भाषण में पीएम भाजपा और कांग्रेस सरकार के कामों का फर्क समझाते हुए नजर आते हैं। इसके अलावा वे विकास, महिला वोटर्स से लेकर धार्मिक स्थलों के पुनरुद्धार की बात करते हैं। पीएम अपने मुख्यमंत्री काल की बातों को याद दिलाते है। साथ ही लोगों जुड़ाव की बातें भी करते हुए नजर आते हैं। रैली में पीएम कांग्रेस और परिवारवाद पर हमला करने से भी नहीं चूकते हैं। जबकि गृह मंत्री शाह, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, असम के सीएम हिमंत बिस्वा शर्मा राम मंदिर, अनुच्छेद 370 की बात करते हुए नजर आ रहे हैं। इसके अलावा अन्य स्टार प्रचारक सीधे तौर पर आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल पर हमला बोल रहे हैं। पीएम मोदी मंगलवार को मोरबी, सोमनाथ, भावनगर और नवसारी में भी जनसभाएं करेंगे। जबकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक के बाद एक चार रैलियां करेंगे। पहली बार गुजरात में विधानसभा चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी भी आज पूरे एक्शन में नजर आएगी। आप उम्मीदवारों के लिए पंजाब के सीएम भगवंत मान छह रोड शो करेंगे। जबकि कांग्रेस के भी कई दिग्गज प्रचार करते हुए नजर आएंगे। इधर, कांग्रेस पार्टी अपने प्रचार में भाजपा के आरोपों का जवाब देने से बचते हुए दिखाई दे रही है। कांग्रेस रैली या सभा में महंगाई, मोरबी पुल हादसा, पेपर लीक, बेरोजगारी, बिलकिस बानो के दोषियों की रिहाई के मुद्दे भी मुखर है। कांग्रेस की तरफ से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ज्यादा रैलियां करते हुए नजर आ रहे हैं। गहलोत प्रचार के दौरान पीएम मोदी पर सीधा हमला बोल रहे हैं। वे कहते हैं कि जब उनका नाम ही काफी है, तो पीएम मोदी को बार-बार गुजरात जाने की क्या जरूरत है? ऐसा इसलिए है क्योंकि भाजपा अब डर गई है…अगर भाजपा गुजरात चुनाव हार जाती है, तो इसके पीछे मुख्य कारण महंगाई और बेरोजगारी होगा। भाजपा के लोग फासीवाद होते हैं और तानाशाही चलाते हैं। जबकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जगदीश ठाकोर मोदी पर हमला करने से बचते हुए दिख रहे हैं।
सोशल मीडिया पर ज्यादा एक्टिव आप
वहीं आप आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान अभी तक 70 से ज्यादा जनसभाएं कर चुके हैं। भाजपा कांग्रेस के मुकाबले आम आदमी पार्टी सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा एक्टिव नजर आ रही है। आप नेता लगातार गुजरात में उनकी सरकार बनाने की बात कह रहे हैं। सरकार बनने पर फ्री बिजली, शिक्षा की बात आप नेता करते हुए नजर आ रहे हैं। आम आदमी पार्टी नेता सीधे मतदाताओं के बीच जा रहे हैं, उनसे सीधा संवाद कर रहे हैं और सत्ता में आने के बाद की अपनी योजना बता रहे हैं। इसके अलावा व्यापारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए सुलभ व्यापारिक नीति बनाने का वादा करते हुए नजर आ रहे हैं। 182 सीटों वाली गुजरात विधानसभा के लिए दो चरण 01 दिसंबर और 05 दिसंबर को मतदान होगा। पहले चरण में 89 सीटों पर मतदान होगा, जबकि दूसरे चरण में 93 सीटों पर मतदान होगा। गुजरात विधानसभा का कार्यकाल 18 फरवरी, 2023 को समाप्त हो रहा है। गुजरात में आमतौर पर सत्तारूढ़ भाजपा और उसकी प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस पार्टी के बीच आमना-सामना होता रहा है, लेकिन आगामी चुनावों में आम आदमी पार्टी (आप) चुनावी मैदान में एंट्री से मुकाबला त्रिकोणीय होने के आसार हैं।