मुंबई, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने जब से कहा है कि 2024 में लोकसभा और विधानसभा का चुनाव कांग्रेस अपने दम पर लड़ेगी, तब से पटोले एनसीपी की नजरों में चढ़ गए हैं। सोमवार को अजित पवार ने पटोले को घेरा और पूछा कि यह नाना पटोले कौन हैं? चुनावी गठबंधन का निर्णय तो कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और शिवसेना की ओर से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे लेंगे। इनके बीच भला नाना पटोले कहां से आ गए?
गौरतलब है कि एनसीपी के स्थापना दिवस पर पार्टी प्रमुख शरद पवार ने कहा था कि आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव महाविकास आघाडी सरकार के घटक दल मिलकर लड़ेंगे। इस पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पटोले ने पवार की बात को काटते हुए सीधे-सीधे कहा कि कांग्रेस को भी अपना मुख्यमंत्री चाहिए। आगामी चुनाव कांग्रेस अपने दम पर लड़ेगी। इस पर अजित पवार ने पटोले पर पलटवार किया है। कोल्हापुर में मीडिया से बातचीत में पवार ने कहा कि 2024 में होने वाले विधानसभा के चुनाव में गठबंधन पर अंतिम निर्णय सोनिया गांधी, शरद पवार और उद्धव ठाकरे करेंगे।
नामकरण को लेकर पीछे हटे शिवसेना सांसद
घाटकोपर-मानखुर्द फ्लाइओवर के नामकरण पर शिवसेना के सांसद राहुल शेवाले ने अपने कदम पीछे खींच लिए हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि बीजेपी के सांसद मनोज कोटक ने फ्लाइओवर का नाम ‘छत्रपति शिवाजी महाराज’ देने की मांग की है। शिवाजी महाराज हमारे आराध्य देव हैं। रही बात नामकरण की, तो अंतिम निर्णय मुंबई महानगरपालिका लेगी।
घाटकोपर-मानखुर्द फ्लाइओवर को मुंबई महानगरपालिका बनवा रही है। यह फ्लाइओवर कोटक के निर्वाचन क्षेत्र उत्तर-पूर्व लोकसभा में आता है। शेवाले कहते हैं कि हम जनप्रतिनिधि हैं और जनता की मांग को सरकार तक पहुंचाना हमारा कर्तव्य है। शेवाले ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर फ्लाइओवर का नाम सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज रखने की मांग की है, जबकि शेवाले को पता है कि नामकरण का निर्णय मुंबई महानगरपालिका लेती है। दूसरी ओर, कोटक ने दिसंबर 2020 में फ्लाइओवर का नाम ‘छत्रपति शिवाजी महाराज’ देने की मांग की थी।
उनकी मांग को बीएमसी की स्थापत्य समिति ने 18 जनवरी 2021 को मंजूर किया है, जिसका अध्यक्ष शिवसेना का ही नगरसेवक है। दूसरी ओर, उसी क्षेत्र से शिवसेना के नगरसेवक विट्ठल लोकरे ने ‘वीर क्रांतिकारी वस्ताद लहुजी सालवे’ का नाम देने की मांग की थी। इसके अलावा, कुछ लोगों की मांग है कि ‘लोकशाहीर अण्णाभाऊ साठे’ नाम दिया जाए।
शिवसेना मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है: कोटक
कोटक ने कहा कि शिवसेना अपना मुस्लिम प्रेम दिखाने के लिए यह सब कर रही है। आगामी बीएमसी चुनाव में निश्चित ही शिवसेना हार रही है, इसलिए ज्यादा से ज्यादा मुस्लिम अपनी ओर खींचना चाहती है।
कांग्रेस के अकेले चुनाव लड़ने के मुद्दे पर NCP को ऐतराज, पूछा- कौन हैं नाना पटोले?
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