अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले से जुड़े मामे में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की गिरफ्त में पहुंच चुके हैं। ईडी की टीम ने उन्हें 21 मार्च की शाम लगभग नौ बजे गिरफ्तार कर लिया। आज 22 मार्च को उन्हें राउज एवेन्यू की अदालत में लगभग 2.30 बजे पेश किया जाएगा। लेकिन इसके पहले ही सड़कों पर हंगामा शुरु हो चुका है। आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध में नारेबाजी करते हुए इसे ‘लोकतंत्र की हत्या’ बता रहे हैं। वहीं, भाजपा ने इसे करनी का फल करार दिया है। पार्टी ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल ने जिस तरह शराब घोटाला किया और इसके माध्यम से सैकड़ों करोड़ रुपये का लाभ कमाया, उसका यही परिणाम आना था। केजरीवाल की गिरफ्तारी के समय पर टिप्पणी करते हुए भाजपा ने कहा है कि केजरीवाल की गिरफ्तारी को लोकसभा चुनावों से जोड़ना बिल्कुल गलत है। यदि केजरीवाल अब तक ईडी की नोटिस की उपेक्षा न कर रहे होते तो वे बहुत पहले ही गिरफ्तार हो चुके होते। केजरीवाल जेल के बाहर रहते हुए भी भाजपा और प्रधानमंत्री का विरोध करने वाले खेमे की अगुवाई कर रहे थे। अब जबकि वे जेल चले गए हैं, विपक्ष के कई दल उनके साथ आ खड़े हुए हैं। यानी वे जेल में जाकर भी भाजपा विरोधी खेमे की अगुवाई कर रहे हैं। विपक्षी खेमे का भाजपा या केंद्र सरकार का पूरा विरोध आज की तारीख में अरविंद केजरीवाल के इर्दगिर्द सिमट गया है। यदि केजरीवाल को सर्वोच्च न्यायालय से कोई राहत नहीं मिलती है तो इस बात की भी पूरी-पूरी संभावना है कि लोकसभा चुनावों के दौरान भी यह एक बड़ा मुद्दा बना रहेगा। ऐसे में भाजपा नेता अब यह अनुमान लगाने में जुटे हैं कि अरविंद केजरीवाल जेल के बाहर उनके लिए ज्यादा खतरनाक थे, या जेल के अंदर। भाजपा के एक शीर्ष नेता ने अमर उजाला से कहा कि पहले दो चुनावों में अरविंद केजरीवाल अजेय लग रहे थे, लेकिन जैसे-जैसे उनके घोटालों की जानकारी लोगों के सामने आने लगी, उनसे जनता का मोहभंग होने लगा। इसी का परिणाम था कि 15 सालों के शासन के बाद भी दिल्ली नगर निगम चुनावों में भाजपा को सौ से ज्यादा सीटों पर जीत मिली।
‘दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार जाएगी आम आदमी पार्टी’
नेता ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की असलियत जनता के सामने आ चुकी है। शराब घोटाले में जिस तरह जनता के सैकड़ों करोड़ रुपये लूटे गए, उससे जनता के बीच अरविंद केजरीवाल के खिलाफ लोगों में भारी नाराजगी है। इसका सीधा असर चुनावों पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनावों में भाजपा एक बार फिर दिल्ली की सभी सातों सीटों पर जीत हासिल करेगी और अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों में भी पार्टी जीत हासिल करेगी। राजनीतिक विश्लेषक शांतनु गुप्ता ने अमर उजाला से कहा कि राम मंदिर बनने के बाद हिंदुत्व का यह मुद्दा बहुत आकर्षक नहीं रह गया है। काशी-मथुरा में पहले ही बड़े मंदिर उपलब्ध हैं, ऐसे में वहां के लिए भी जनता के बीच बड़ा ज्वार पैदा होने की संभावना नहीं है। केंद्र सरकार कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहले भी उठाती रही है। ऐसे में जनता के पास देने के लिए उसके पास कोई नया बहुत बड़ा मुद्दा नहीं है। शांतनु गुप्ता ने अमर उजाला से कहा कि, लेकिन भ्रष्टाचार पर कार्रवाई एक बड़ा मुद्दा हो सकता है। चूंकि, जनता के बीच यह एक छवि बनती जा रही थी कि नेता भ्रष्टाचार करने के बाद भी सुरक्षित रहते हैं, मोदी ने बड़े-बड़े भ्रष्ट नेताओं पर कार्रवाई करके यह छवि तोड़ने का काम किया है। जिस प्रकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने भाषणों में बार-बार यह कह रहे हैं कि भ्रष्ट नेताओं पर कार्रवाई जारी रहेगी, उससे भी सरकार की प्राथमिकता साफ नजर आती है। शांतनु गुप्ता ने कहा कि इसी सरकार के कार्यकाल में मनीष सिसोदिया, संजय सिंह, हेमंत सोरेन और अरविंद केजरीवाल जेल गए हैं। कुछ और नेताओं पर भी कार्रवाई होने जा रही है। ऐसे में यदि भाजपा इस मुद्दे को सही तरीके से भुना लेती है तो उसे इसका बड़ा लाभ मिल सकता है। वहीं, भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप होने के कारण विपक्ष का रुख रक्षात्मक रह सकता है।
केजरीवाल बाहर ज्यादा खतरनाक या जेल के अंदर? भाजपा नेता लगा रहे अनुमान
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