नई दिल्ली
भारत में यूरोपीय संघ के राजदूत उगो अस्तुतो ने सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से दिल्ली सचिवालय में मुलाकात की। इस दौरान कोविड के खिलाफ दिल्ली की लड़ाई और प्रदूषण को कम करने के प्रयासों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली ने कोविड को नियंत्रित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए हैं। हाल ही में बड़े स्तर पर हुए सीरो सर्वे से पता चलता है कि अगर लोग सावधानी बरतें और वायरस का कोई नया स्ट्रेन नहीं है तो कोरोना से काफी हद तक सुरक्षित हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली की 18 प्लस आबादी में से 50 फीसदी को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है और करीब 90 फीसदी लोगों को वैक्सीन की कम से कम एक डोज दी जा चुकी है। सभी को टीका लगाने के लिए दिल्ली सरकार तेजी से काम कर रही है। साथ ही कोविड के नए ट्रेंड पर भी लगातार नजर रख रहे हैं और जहां पर भी कोरोना के मामले बढ़ते दिख रहे हैं, वहां नजर रखी जा रही है। यूरोपीय संघ के राजदूत ने दिल्ली में कोविड को नियंत्रण में रखने को लेकर केजरीवाल सरकार के प्रयासों की सराहना की। मुख्यमंत्री ने उन्हें बताया कि दिल्ली में कई सीरो सर्वे किए हैं। सीरो सर्वे ने हमें यह पहचानने में मदद किया कि दिल्ली में रह रहे कितने प्रतिशत नागरिकों ने कोविड के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित कर ली है। ताजा सर्वे में दिल्ली के 96 फीसदी लोगों में कोविड से लड़ने के लिए एंटीबॉडी मिली है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने नागरिकों को वैक्सीन लगाने के लिए गंभीर प्रयास किया है और हम अपने वैक्सीनेशन कार्यक्रम पर सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कोविड मामलों को लेकर यूरोप के अनुभव को भी समझने के प्रयास किए। यूरोपीय संघ के राजदूत ने बताया कि यह काफी हद तक वैक्सीनेशन की दर पर निर्भर करता है। अगर अधिकांश लोगों का वैक्सीनेशन हो गया है, तो कोरोना को संभालना आसान हो जाता है।
‘ग्रीन कवर क्षेत्र में भी बढ़ोतरी हुई’
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार ने दिल्ली के अंदर प्रदूषण बढ़ाने वाले स्रोतों को कम करने में की दिशा में काफी काम किया है। वृक्षारोपण पॉलिसी, इलेक्ट्रिक वीकल पॉलिसी, उद्योगों को पीएनजी से चलाने और कोयले के पावर प्लांटों को बंद करने से प्रदूषण को कम करने में मदद मिली है। दिल्ली उन चुनिंदा शहरों में से एक है, जहां विकास को बढ़ावा देने के बावजूद ग्रीन कवर क्षेत्र बढ़ रहा है। वहीं राजदूत उगो अस्तुतो ने कहा कि यूरोप भी प्रदूषण से लड़ने में इसी तरह की चुनौतियों का सामना कर रहा है और दिल्ली के सामने आने वाली मुश्किलों को समझता है। मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली में 5 से 6 हजार औद्योगिक इकाइयां हैं। इन सभी औद्योगिक इकाइयों को पीएनजी पर स्विच कर दिया गया है। पहले यह उद्योग ज्यादा प्रदूषण पैदा करने वाले ईंधनों पर निर्भर थे। ग्रीन कवर क्षेत्र में भी बढ़ोतरी हुई है। दिल्ली में एक वास्तविक समय पर प्रदूषण के स्रोतों की पहचान करने के लिए रियल टाइम आईडेंटिफिकेशन मैकेनिज्म विकसित करने के लिए आईआईटी कानपुर के साथ समझौता किया है। दिल्ली देश का एकमात्र राज्य है, जो अपने सार्वजनिक परिवहन को पूरी तरह से सीएनजी पर चला रहा है।
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