भारतीय जनता पार्टी ने मोरबी के पूर्व विधायक कांतिलाल अमृतिया को इस बार विधानसभा से चुनाव का टिकट दे दिया है जबकि सिटिंग MLA बृजेश मेरजा का टिकट काट दिया है।। कांतिलाल वहीं शख्स हैं जिन्होंने मोरबी पुल हादसे के बाद जान की परवाह किए बिना ट्यूब पहन कर पानी में कूद गए थे। इन्होंने कुछ लोगों की जान भी बचाई थी। बताया जा रहा है कि पहले इनका नाम उम्मीदवार सूची में नहीं था लेकिन उन्होंने हादसे के दौरान जो हिम्मत दिखाई, इसी का उन्हें इनाम मिला। वहीं बता दें कि 29 अक्तूबर की शाम मोरबी के मच्छु नदी पर लगा ब्रिज भारी वजन के चलते टूट गया। जिसके चलते इस हादसे में 135 लोगों की जान चली गई थी, जबकि 177 लोगों को रेस्क्यू किया गया था। कांति अमृतिया साल 2012 में लगातार पांचवी बार गुजरात चुनाव में मोरबी सीट से विधायक निर्वाचित हुए थे। उन्हें मोरबी और आसपास के लोगों के बीच “कान्हाभाई” के नाम से जाने जाते हैं। उन्होंने कृषि और उद्योग में काम किया है। मोरवी बांध की विफलता के कारण आई बाढ़ के दौरान, 1970 के दशक में, यहां तक कि एक युवा लड़के के रूप में, उन्होंने पीड़ितों के पुनर्वास के लिए स्वेच्छा से सेवा की। एक युवा के रूप में, वह एक छात्र संगठन, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल हो गए और भ्रष्टाचार विरोधी नव निर्माण आंदोलन में भी शामिल हुए थे। 1995 में, कांतिलाल ने मोरबी में पार्टी कैडर की कमान संभाली और पहली बार के लिए एमएलए के रूप में चुने गए। । तब से 2012 तक मोरबी के निर्वाचन क्षेत्र में पांच बार एमएलए के रूप में सेवा करते रहे हैं। 2017 के चुनाव में उन्हें टिकट नहीं मिला। वे अपने सामाजिक जीवन के प्रारंभिक वर्षों के दौरान आरएसएस में एक स्वयं सेवक थे गौरतलब है कि साल 2014 में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें गुजरात के भाजपा विधायक कांति अमृतिया एक युवक को रॉड से पीटते नजर आए थे। जिसके बाद काफी विवाद हो गया था। वीडियो के सामने आने के बाद सवाल उठाया गया कि आखिर वह ऐसा क्यों कर रहे थे। इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि युवक के हाथ में तलवार थी और वह लोगों को डरा रहा था। उन्होंने कहा था उसे रोकने के लिए मैंने डंडा उठाया जो उस वक्त जरूरी था। मैं उसके सामने खाली हाथ कैसे जाता। पुलिस ने जगदीश लोखिल नाम के उस युवक को अवैध हथियार रखने के जुर्म में गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस के मुताबिक युवक नशे में था और लोगों को तलवार से धमका रहा था।
कौन हैं कांतिलाल, जिन्हें मोरबी से मिला टिकट, ब्रिज हादसे के दौरान नदी में कूदकर बने थे ‘मसीहा’
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