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खाली हाथ पहुंचे थे मुंबई, पहले कमीशन से कमाए 10 हजार; अदाणी ने सुनाई अपना साम्राज्य खड़ा करने की कहानी

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गौतम अदाणी आज भले ही दुनिया के 19वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं, लेकिन एक समय वह पाई-पाई को मोहताज थे। आजीविका की तलाश में वह महज 16 साल की उम्र में खाली हाथ मुंबई चले गए थे, जहां हीरा कंपनी में काम किया। उद्योगपति गौतम अदाणी ने सोमवार को अदाणी इंटरनेशनल स्कूल में अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए बताया, 19 साल की आयु में उन्होंने पहले व्यापारिक लेनदेन से 10,000 रुपये का कमीशन कमाया और यहीं से उनके कारोबारी जीवन की शुरुआत हुई। सफल कारोबारी साम्राज्य खड़ा करने की कहानी सुनाने के साथ अदाणी ने यह भी बताया, उन्हें कॉलेज की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाने का कई बार अफसोस होता है।  अदाणी बताते हैं, हीरा कंपनी में नौकरी के दौरान जल्द अपना कारोबार शुरू करने का मन बनाया और तीन वर्ष में मुंबई के झावेरी बाजार में खुद का डायमंड ट्रेडिंग ब्रोकरेज शुरू कर दिया। 1981 में गुजरात लौट आए और बड़े भाई महासुखभाई की मदद करने लगे, जिन्होंने अहमदाबाद में एक छोटी पीवीसी फिल्म फैक्टरी खरीदी थी। 1988 में अदाणी एक्सपोर्ट्स नाम से कमोडिटी ट्रेडिंग वेंचर की स्थापना की और 1994 में इसे सूचीबद्ध कराया। अब इस कंपनी का नाम अदाणी एंटरप्राइजेज है।
कॉलेज जाता तो और बढ़ जातीं क्षमताएं
अदाणी ने कहा, बुद्धिमता के लिए अनुभव हासिल करना चाहिए लेकिन ज्ञान पाने के लिए अध्ययन भी जरूरी है। ये दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। असफलताएं व बाधाएं परीक्षा लेंगी। साधारण और असाधारण सफलता के बीच एकमात्र अंतर जुझारूपन है, जो हर बार गिरकर खड़े होने का साहस देता है।