कांग्रेस के पूर्व नेता संजय निरुपम ने दावा किया है कि महाराष्ट्र में हुए खिचड़ी घोटाले के सरगना शिवेसना (यूबीटी) नेता संजय राउत हैं। संजय निरुपम ने ये भी कहा कि इस मामले में दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। खिचड़ी घोटाले में ईडी ने आज शिवसेना की उत्तर पश्चिम मुंबई सीट से उम्मीदवार अमोल कीर्तिकर को भी समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया है।
संजय निरुपम ने शिवसेना (यूबीटी) नेता पर लगाए आरोप
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में संजय निरुपम ने कहा कि ‘आज 8 अप्रैल है और आज उत्तर पश्चिम मुंबई से शिवसेना (यूबीटी) के लोकसभा उम्मीदवार (अमोल कीर्तिकर) ‘खिचड़ी चोर’ को ईडी ने समन भेजा है। पूछताछ के बाद ईडी क्या करेगी ये मुझे नहीं पता, लेकिन उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उत्तर पश्चिम मुंबई लोकसभा सीट के सभी लोगों को पता होना चाहिए कि कैसे बेईमान व्यक्ति उनका उम्मीदवार है। जब मैंने इस घोटाले पर काम करना शुरू किया तो मुझे पता चला कि इस घोटाले का सरगना कोई और है। इस पूरे घोटाले का सरगना शिवसेना यूबीटी के प्रवक्ता संजय राउत हैं। उन्होंने अपनी बेटी, भाई और पार्टनर के नाम पर रिश्वत ली…उन्होंने अपनी बेटी के नाम पर चेक के माध्यम से रिश्वत ली, जबकि उनकी बेटी विधिता को शायद इसके बारे में पता भी नहीं होगा।’ कोरोना महामारी के दौरान महाराष्ट्र में हुए खिचड़ी घोटाले की जांच ईडी द्वारा की जा रही है। इस घोटाले में ईडी ने शिवसेना यूबीटी के नेता अमोल कीर्तिकर को समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया है। कीर्तिकर ईडी के सवालों के जवाब देने के लिए ईडी कार्यालय पहुंच चुके हैं। खिचड़ी घोटाला कोरोना महामारी के दौरान प्रवासी श्रमिकों को खिचड़ी बांटने के ठेके में अनियमितता से जुड़ा है। महाविकास अघाड़ी की सरकार के दौरान यह कथित घोटाला हुआ, जिसमें आर्थिक अपराध शाखा ने 6.37 करोड़ रुपये के घोटाले में संजय राउत के पार्टनर सुजीत पाटकर और सुनील कदम समेत शिवसेना यूबीटी के कई नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया था। संजय राउत के पार्टनर की कंपनी को ही कोरोना महामारी में खिचड़ी वितरित करने का ठेका मिला था।
‘खिचड़ी चोर के खिलाफ कार्रवाई हो’, संजय निरुपम का दावा- संजय राउत हैं घोटाले के सरगना
56