#BREAKING LIVE :
मुंबई हिट-एंड-रन का आरोपी दोस्त के मोबाइल लोकेशन से पकड़ाया:एक्सीडेंट के बाद गर्लफ्रेंड के घर गया था; वहां से मां-बहनों ने रिजॉर्ट में छिपाया | गोवा के मनोहर पर्रिकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरी पहली फ्लाइट, परंपरागत रूप से हुआ स्वागत | ‘भेड़िया’ फिल्म एक हॉरर कॉमेडी फिल्म | शरद पवार ने महाराष्ट्र के गवर्नर पर साधा निशाना, कहा- उन्होंने पार कर दी हर हद | जन आरोग्यम फाऊंडेशन द्वारा पत्रकारो के सम्मान का कार्यक्रम प्रशंसनीय : रामदास आठवले | अनुराधा और जुबेर अंजलि अरोड़ा के समन्वय के तहत जहांगीर आर्ट गैलरी में प्रदर्शन करते हैं | सतयुगी संस्कार अपनाने से बनेगा स्वर्णिम संसार : बीके शिवानी दीदी | ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम में आरती त्रिपाठी हुईं सम्मानित | पत्रकार को सम्मानित करने वाला गुजरात गौरव पुरस्कार दिनेश हॉल में आयोजित किया गया | *रजोरा एंटरटेनमेंट के साथ ईद मनाएं क्योंकि वे अजमेर की गली गाने के साथ मनोरंजन में अपनी शुरुआत करते हैं, जिसमें सारा खान और मृणाल जैन हैं |

गुजरात में आम आदमी पार्टी का कितना असर, क्या यहां भी चलेगा अरविंद केजरीवाल का जादू?

119
गुजरात में विधानसभा चुनाव के एलान के साथ राजनीतिक पार्टियों के बीच हलचल तेज हो गई है। भाजपा-कांग्रेस टिकट बंटवारे को लेकर रणनीति तैयार कर रही हैं, तो आम आदमी पार्टी ने करीब 73 प्रत्याशियों का एलान भी कर दिया। इस बीच, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के मुखिया असुद्दीन ओवैसी ने भी 30 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है। पिछले चुनाव तक गुजरात में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई हुआ करती थी। इस बार आम आदमी पार्टी दमखम के साथ मैदान में उतरी है। ऐसे में इसे त्रिकोणीय मुकाबला बताया जा रहा है। आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तो सरकार बनाने का भी दावा कर चुके हैं। पिछले चार महीने से आप संयोजक अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पंजाब के सीएम भगवंत मान सिंह लगातार गुजरात का दौरा कर रहे हैं। केजरीवाल की अकेले 15 से ज्यादा सभाएं हो चुकी हैं। इन सभाओं में आप ने हर वर्ग के लोगों से संवाद करने का दावा किया है। पार्टी की तरफ से अब तक उम्मीदवारों की सात लिस्ट जारी हो चुकी है। इसमें 73 विधानसभा क्षेत्रों के प्रत्याशियों का एलान किया गया है। सबसे ताजी लिस्ट शुक्रवार सुबह जारी हुई। इसमें 13 प्रत्याशियों के नामों का एलान हुआ।
मुस्लिमों को क्यों नहीं दिया टिकट? 
ये समझने के लिए हमने गुजरात के वरिष्ठ पत्रकार वीरांग भट्ट से बात की। उन्होंने कहा, ‘जिन 73 विधानसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों का एलान हुआ है, उनमें करीब 65 प्रतिशत सीटों पर भाजपा तो 35% पर कांग्रेस का कब्जा है। करीब 12 सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिम वोट निर्णायक भूमिका में हैं। इसके बावजूद अरविंद केजरीवाल ने इन क्षेत्रों से किसी मुसलमान को प्रत्याशी नहीं बनाया है।’ वीरांग कहते हैं, ‘मांडवी सीट पर करीब 30 फीसदी मुसलमान हैं। इसके अलावा भुज में करीब 31%, पाटन में करीब 24%, दाणीलीमणा में 50%, वंकानेर सीट पर करीब 33%, धोराजी में करीब 21%, जामनगर उत्तर में करीब 20%, मंगरोल में 29%, महुधा सीट पर करीब 24% मुस्लिम वोटर हैं। इसके बावजूद मुसलमान को टिकट न देना हैरान करता है।’ वीरांग के अनुसार, ‘अरविंद केजरीवाल एक तरह का प्रयोग कर रहे हैं। वह जानते हैं कि केवल मुसलमानों का वोट पाकर वह सरकार नहीं बना सकते हैं। इसलिए उन्होंने इस बार चुनाव में हिंदू वोटर्स का साथ पाने के लिए हर तरह से कोशिश शुरू कर दी है। नोटों पर श्रीगणेश और लक्ष्मी जी की फोटो लगाने की मांग इसी का एक हिस्सा हो सकता है। केजरीवाल जानते हैं कि मुसलमान अब समझने लगे हैं कि भाजपा को आप अच्छे से टक्कर दे रही है। ऐसे में मुसलमानों का साथ उन्हें आसानी से मिल जाएगा। इसलिए अब वह पूरा फोकस हिंदुओं का वोट बटोरने के लिए कर रहे हैं। टिकट बंटवारे में इसकी झलक भी दिखाई पड़ रही है।’ वीरांग ने आगे कहा, ‘संभव है कि आप की अगली लिस्ट में एक-दो मुस्लिम चेहरे भी हों। ये केवल मुसलमानों को मनाने के लिए होगा। इसके जरिए वह संदेश देना चाहेंगे कि वह जो कुछ कर रहे हैं, भाजपा को हराने के लिए कर रहे हैं।’
गुजरात में आप का कितना असर? 
वीरांग कहते हैं, ‘आम आदमी पार्टी ने पिछले कुछ महीने में काफी प्रचार किया है। हालांकि, गुजराती लोग सिर्फ प्रचार पर नहीं जाते हैं, बल्कि प्रोडक्ट को भी चेक करते हैं। ऐसे में अभी अभी आम आदमी पार्टी का पूरा फोकस सूरत और पाटीदार बहुल इलाकों पर है। आप के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया खुद पाटीदार आंदोलन से जुड़े रहे हैं। ऐसे में उन्हें पाटीदार समाज का समर्थन मिल रहा है। गुजरात में पाटीदार वोटर्स की संख्या 15 से 17 प्रतिशत है।’ वीरांग के अनुसार, ‘पाटीदार के अलावा, आप पशु पालकों और किसानों को भी अपनी ओर करने की कोशिश में जुटी है। पशु पालक मौजूदा सरकार से नाराज चल रहे हैं। इसके पीछे एक सरकारी आदेश बड़ा कारण है। जिसमें कहा गया है कि अगर कोई भी पशु शहरी इलाकों में दिख जाएगा तो पशु पालक पर कानूनी कार्रवाई होगी। इनमें आम आदमी पार्टी के नेता इसुदार गढवी की अच्छी पकड़ है। टिकट बंटवारे में भी इसकी झलक दिखाई दी।’ वीरांग के अनुसार, आम आदमी पार्टी का फोकस गुजरात में इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि यहां सूरत में हुए नगर निकाय चुनाव में पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया। सूरत नगर निगम के 120 सीटों में से 27 पर आप की जीत हुई थी। मतलब अभी 27 पार्षद आप के हैं। कांग्रेस पूरी तरह से साफ हो गई। आम आदमी पार्टी अब गुजरात में कांग्रेस का विकल्प बनने की कोशिश कर रही है। राजनीतिक विश्लेषक प्रो. अजय कुमार सिंह कहते हैं, ‘दिल्ली के बाद पंजाब में मिली बड़ी जीत से अरविंद केजरीवाल काफी गदगद हैं। इसलिए वह देश के बाकी राज्यों में भी भाजपा का विकल्प बनने की कोशिश कर रहे हैं। जहां, जहां कांग्रेस कमजोर हुई है, वहां-वहां वह अपनी ताकत बढ़ा रहे हैं।’ प्रो. अजय आगे कहते हैं, ‘केजरीवाल मुफ्त की योजनाओं को आधार बना रहे हैं। भाजपा की तरह सोशल मीडिया को उन्होंने अपना बड़ा हथियार बनाया है। इसके बाद भी फिलहाल नहीं लगता है कि आप का यहां ज्यादा प्रभाव पड़ेगा। हां, कुछ सीटों पर जरूर वह भाजपा और कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकती है।’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *