गुजरात में शराबबंदी के बीच जहरीली शराब पीने से होने वाली मौतों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। यहां के बोतड़ जिले में अब तक 28 मौतों की पुष्टि हुई है। वहीं दर्जनों लोग अस्पताल में भर्ती हैं। गुजरात के डीजीपी आशीष भाटिया ने 28 मौतों की पुष्टि की है। उन्होंने बताया, 600 लीटर जहरीली शराब को 40 हजार रुपये में बेचा गया। उधर, पुलिस ने इस मामले में अब तक 10 लोगों को हिरासत में लिया है। माना जा रहा है, इन लोगों ने ही जहरीली शराब बेची। वहीं इतनी बड़ी संख्या में मौतों के सरकार भी सख्त हो गई है। घटना के बाद गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने हाईलेवल बैठक बुलाई है। इस बैठक में कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। इससे पहले एक मृतक की पत्नी ने कहा था कि उसके पति की तबियत रविवार रात को नकली शराब पीने के बाद ही बिगड़नी शुरू हुई। नकली शराब पीने की वजह से अस्पताल में भर्ती हिम्मतभाई नाम के एक शख्स ने कहा कि कई लोग बीमार हुए हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने बोटाड में जहरीली शराब की घटना को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की और राज्य पुलिस बल को मादक पदार्थों के अवैध विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए निर्देश दिया आगामी विधानसभा चुनाव से पहले जहरीली शराब का मुद्दा सामने आने के बाद राजनीति भी शुरू हो गई है। आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर हमला बोला है। पार्टी ने कहा, ड्राई स्टेट गुजरात में 15 साल के अंदर 845 से ज्यादा लोग जहरीली शराब पीकर मरे हैं। इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि गुजरात में शराबबंदी के बाद भी भारी मात्रा में अवैध शराब बेची जाती है। ये कौन लोग हैं जो शराब बेचते हैं? उन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। (शराब की बिक्री से जो) पैसे आते हैं, वे कहां जाते हैं। इसकी जांच की जरूरत है। गौरतलब है कि गुजरात में शराब पर पूरी तरह बैन लागू है। यहां बॉम्बे प्रोहिबिशन एक्ट, 1949 के तहत पुलिस शराब खरीदने, पीने और इसे रखने वालों पर कार्रवाई कर सकती है। दोषी पाए गए लोगों को तीन महीने से लेकर पांच साल तक की जेल की सजा का भी प्रावधान है। बोतड़ जिले के रोजिंद, अणीयाणी, आकरू, चंदरवा, उंचडी गांवों के लोगों के जहरीली शराब पीकर बीमार होने की खबर है। सभी गांवों में कोहराम मचा हुआ है। उधर, भावनगर रेंज के आईजी अशोक कुमार यादव ने शाम को ही बोतड़ के सिविल अस्पताल का दौरा किया। उन्होने कहा कि मामले की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया गया है, जो कि डीएसपी रैंक की अफसर की निगरानी में काम करेगी।
गुजरात में जहरीली शराब निगल गई 28 जिंदगियां, शराबबंदी के बीच मौत के आंकड़ों से हाहाकार
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