इस वक्त देश में तीन ही प्रमुख टेलीकॉम कंपनियां हैं और इन सभी कंपनियों के प्लान धीरे-धीरे महंगे हो रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि प्लान की कीमतें तो बढ़ रही हैं, लेकिन प्लान की वैधता नहीं बढ़ रही है। पहले 30 दिनों के प्लान होते थे और अब अधिकतर मासिक प्लान 28 दिनों के हो गए हैं। आमतौर पर कोई महीना 30 दिनों या 31 दिनों का होता है, लेकिन टेलीकॉम कंपनियों के लिए महीना 28 दिनों का होता है। आइए इसके पीछे का गणित समझते हैं… ग्राहकों से पैसे लिए जाते हैं 30 दिनों के और रिचार्ज की वैलिडिटी होती है 28 दिनों की। ऐसे में साल में 12 महीनों के लिए ग्राहकों को 13 महीने का रिचार्ज करना पड़ता है और टेलीकॉम कंपनियों की झोली में एक महीने के रिचार्ज के पैसे मुफ्त में जाते हैं। इसकी शुरुआत 2016 हुई टेलीकॉम क्रांति के बाद से हुई थी। उससे पहले 30 दिनों की वैधता मिलती है, हालांकि बीएसएनएल के कई प्लान में अब भी 30 दिनों की वैधता मिलती है।
ग्राहकों की जेब कट रही है और कंपनियों की चांदी