मुंबई
जैसे-जैसे दुनिया डिजिटल हो रही है, वैसे-वैसे ऑनलाइन ठगी के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। इस क्रम में ठगी के नए-नए तरीके भी देखने को मिल रहे हैं। पहले जालसाज मध्यमवर्गीय और रईसजादों को शिकार बनाते थे। लेकिन अब फुटपाथ sa पर चना बेचनेवाले गरीब को भी नहीं छोड़ रहे हैं। ऐसी ही एक घटना दक्षिण मुंबई से सामने आई है। पुलिस के मुताबिक शिकायतकर्ता रविंद्र पाल वर्षों से ब्रीच कैंडी अस्पताल के पास चना बेचते हैं। गत दिनों पाल को एक फोन आया था। फोन करनेवाले ने अपनी पहचान भारतीय सेना के अधिकारी के रूप में बताई और पाल से कहा कि वह अपनी टीम के लिए भुना हुआ चना लेना चाहता है। उसने पीड़ित से २० किलो भुना हुआ चना कुलाबा में पहुंचाने के लिए कहा और चने का भुगतान वहीं करने की बात कही। ३१ जुलाई को जब पाल दिए गए पते पर पहुंचे तो वहां कोई नहीं मिला। इसके बाद पाल ने उसे फोन किया। इस दौरान कथित अधिकारी ने पीड़ित को अपनी बातों में उलझा लिया और रविवार का हवाला देकर एक अन्य संपर्क नंबर दिया। पुलिस के मुताबिक पीड़ित ने जब दूसरे नंबर पर फोन किया तो सामनेवाले ने उससे कहा कि उसे चने के १२ हजार रुपए और किराए के २०० रुपए का ऑनलाइन भुगतान कर दिया जाएगा। इसके लिए उसे १ रुपए भेजने होंगे। पीड़ित जालसाज की बातों में आ गया और उसने एक रुपया भेज दिया। हालांकि पीड़ित को कोई संदेह न हो इसलिए बदले में उसके खाते में दो रुपए भेज दिए। इसके बाद पीड़ित को भरोसा हो गया और सायबर जालसाजों की बातों में आकर उसने १६,४०० रुपए गवां दिए। फिलहाल मलबार पुलिस ने मामला दर्ज कर तहकीकात शुरू कर दी है।
चना बेचनेवाले से सायबर ठगी! आर्मी अधिकारी बनकर जालसाजी
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