विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को उत्तर-पश्चिम दिल्ली के बकौली गांव स्थित एनआईटी, दिल्ली के छात्रों से जनसंवाद कार्यक्रम में मोदी सरकार की उपलब्धियों से अवगत कराया। एनआईटी में जनसंवाद कार्यक्रम के तहत छात्र-छात्राओं से रू-ब-रू हुए। इस दौरान एक छात्र ने विदेश मंत्री से पूछ लिया कि आप आईएफएस अधिकारी बने, विदेश सचिव रहे हैं फिर आप राजनीति में आए और विदेश मंत्री बने तो आपको कौनसी लाइफ सबसे अच्छी लगती है? इस पर जयशंकर ने हंसते हुए सिर्फ इतना ही कहा कि … सबको जवानी अच्छी लगती है… किसको नहीं लगती। विदेश मंत्री का रोचक जवाब सुनकर सभी छात्र ठहाका लगाकर हंसते नजर आए। इस मौके पर उनके साथ भाजपा सांसद हंसराज हंस व दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा भी मौजूद थे। संवाद के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि आज की दुनिया तकनीक की दुनिया है। आप चाहें या न चाहें दुनिया आपके पास खुद आएगी और यह अवसर भी हो सकता है व चुनौती भी। दुनिया में हो रही घटनाओं का असर हमारे ऊपर भी पड़ता है और इसका बेहतर उदाहरण कोरोना महामारी और यूक्रेन युद्ध है। इन दोनों का असर हमारे जीवन पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पड़ा। महामारी ने जीवन की गति को रोका, तो यूक्रेन युद्ध पेट्रोल एवं अनाज के दाम बढ़ने का एक कारण बना। वह समय गया जब हम सोचते थे कि ये नेशनल बाउंड्री है और इससे बाहर दूसरी दुनिया है पर आज आउटसाइड-इनसाइड दीवार को ग्लोबलाइजेशन ने तोड़ दिया है। उन्होंने देश के विकास एवं शिक्षा नीति पर चर्चा की। कहा कि भारत का भविष्य उन्हीं लोगों के हाथ में है, जो टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल जानते हैं और दुनिया की समझ रखते हैं। इसी से अपनी पहचान बना सकते हैं। पहले भी कई प्रधानमंत्री यूएस जाते थे और हम सब ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूएस विजिट को भी देखा। प्रधानमंत्री अनुभवी और कुशल नेतृत्व के धनी व्यक्तित्व हैं। यह बात भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया ने भी मानी है। भारत ने पेरिस में सोलर एनर्जी आइडिया दिया, डिजास्टर की तैयारी, योग दिवस ग्लोबल फिनॉमिना बन गया है। मिलेट फूड ग्लोबल मूवमेंट बन गया है। प्रधानमंत्री जब अपने कद व आइडिया के साथ बाहरी देशों में जाते हैं तो 140 करोड़ भारतीयों की ताकत को वे प्रकट करते हैं। 45 साल से मैं विदेश मामले देख रहा हूं, लेकिन आज के ग्लोबल इम्पेक्ट से बेहतर उदाहरण कुछ नहीं हो सकता। भारत की ग्लोबल स्टेज पर पहचान बन चुकी है। ये डेटा की दुनिया है जिसमें ये सेमी कंडक्टर की उपयोगिता है। प्रधानमंत्री ने सेमी कंडक्टर के लिए मुहिम चलाई और उसी का परिणाम है कि माइक्रोन ने टेस्टिंग सुविधा यहां बनाने की बात कही, लेम रिसर्च 60 लाख लोगों की ट्रेनिंग लेगा। सुंदर पिचाई ने भी कुछ ऐसा विचार रखा था।
जब छात्र ने विदेश मंत्री से पूछा- नौकरी अच्छी या राजनीति? जयशंकर ने दिया यह रोचक जवाब
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