विदेश मंत्री जयशंकर ने बुधवार को मॉरीशस के ग्रैंड बोइस में मेडिक्लिनिक प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया। यह प्रोजेक्ट भारत की सहायता से शुरू किया गया है। इस मौके पर जयशंकर ने कहा कि यह हमारी दोस्ती का नया प्रतीक है। मॉरीशस में ग्रैंड बोइस में परियोजना के उद्घाटन पर जयशंकर ने कहा कि यह पहल ग्रैंड पोइस क्षेत्र में 16 हजार लोगों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करेगी। दो दिवसीय मॉरीशस के दौरे पर गए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि किसी भी मामले में दुनिया के किसी भी देश के लिए भारत का साथ भरोसे का प्रतीक बन गया है। रेडुइट में सिविल सर्विस कॉलेज में बोलते हुए उन्होंने कहा, ‘इस परियोजना स्थल को वास्तविकता बनाने वालों के साथ चर्चा करके खुशी हुई। उन्होंने कहा कि भारतवंशियों की पेशेवर प्रतिबद्धता सराहनीय, जो लगातार भारत का नी गौरव बढ़ा रहे हैं।’
मॉरीशस के प्रधानमंत्री से की मुलाकात
जयशंकर ने पोर्ट लुइस में मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ से पान मुलाकात की और दोनों देशों के बीच विशेष के और स्थायी साझेदारी अधिक व्यापक बनाने मत पर बात की। उन्होंने पूर्व पीएम पॉल बेरेन्जर वह से भी मुलाकात की। इससे पहले, जयशंकर सी फरवरी 2021 में मॉरीशस थे। तीसरी बार देश के विदेश मंत्री बनने के बाद पहली बार एस जयशंकर मंगलवार को दो दिनी दौरे पर मॉरीशस पहुंचे थे। उन्होंने कहा था कि मॉरीशस के साथ हमारा गहरा और मजबूत संबंध है। साथ ही यह मुलाकात मॉरीशस के साथ भारत की अटूट प्रतिबद्धता को साबित करने का अवसर है। बुधवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मॉरीशस के नेता विपक्ष अरविन बूलेल के साथ भारत-मॉरीशस के बीच साझेदारी के महत्व और राष्ट्र के लिए इसके लाभ पर चर्चा की। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स पर पोस्ट किया कि द्विपक्षीय संबंध को मजबूत करने के लिए विपक्ष के समर्थन का स्वागत है। बता दें कि बूलेल का जन्म पोर्ट लुईस में एक आर्य समाजी इंडो-मॉरीशियन परिवार में हुआ था। उनके पिता सैटकैम बूलेल लेबर पार्टी के पूर्व नेता और मॉरीशस के पूर्व उप प्रधानमंत्री रहे हैं।
जयशंकर ने मेडिक्लिनिक प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया, कहा- दुनिया के लिए भरोसे का प्रतीक बना भारत का साथ
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