मुंबई
महानगर में जर्जर इमारतों को लेकर मनपा सख्त हो गई है। अति धोखादायक ११७ इमारतों को तुरंत खाली कराने का इमरजेंसी निर्देश दिया गया है। इन इमारतों में रहनेवाले टेनेंट को अस्थायी रूप से सितंबर तक रहने की व्यवस्था कराने का काम मनपा करेगी। मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने जर्जर इमारतों को लेकर आयोजित बैठक में अधिकारियों को उक्त निर्देश दिया। मुंबई के विभिन्न ठिकानों पर ऐसी इमारतों में लगभग ४०० से ज्यादा परिवार रहते हैं। मनपा के अनुसार बरसात के मौसम में धोखादायक इमारतों में रहना ज्यादा खतरनाक होता है। तेज हवाओं और बारिश के बीच जर्जर इमारतों को गिरने का खतरा बना रहता है। ऐसे में इन इमारतों में रहने वाले परिवारों की जानमाल को नुकसान न हो, इसलिए इन इमारतों में रहने वालों को यहां से हटाने की योजना पर मनपा काम कर रही है।
मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया कि सर्वाधिक घातक जर्जर इमारतों को तुरंत खाली कराया जाए। ताकि भविष्य में कोई अप्रिय घटना न हो, उन्होंने सभी अति घातक जर्जर इमारतों के रहिवासियों को अस्थायी रूप से सितंबर तक उन्हें रहने की व्यवस्था उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। इस बैठक में मनपा एवं पुलिस प्रशासन के अधिकारी उपस्थित थे।
बता दें कि मुंबई महानगर क्षेत्र में कुल ३८२ जर्जर इमारतों को अति धोखादायक घोषित किया गया है। १२१ जर्जर इमारतों के मामले कोर्ट में लंबित हैं, तो १७० इमारतों को अति धोखादायक बताते हुए तुरंत खाली कराने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं ४९ इमारतों के बिजली पानी कनेक्शन काट दिए गए हैं, ताकि लोग इसे खाली कर दें।
जर्जर इमारतों पर इमरजेंसी! तुरंत खाली कराने का निर्देश, सितंबर तक मनपा करेगी अस्थायी व्यवस्था, मनपा आयुक्त का अधिकारियों को निर्देश
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