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ट्रंप ने 50 पूर्व खुफिया अधिकारियों की सुरक्षा मंजूरी बर्खास्त की, बाइडन के बेटे की बढ़ सकती है परेशानी

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डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही एक्शन में हैं और लगातार बड़े फैसले ले रहे हैं। ट्रंप ने ये भी कहा है कि जल्द ही 50 के करीब पूर्व खुफिया अधिकारियों की सुरक्षा मंजूरी (Security Clearence) को बर्खास्त किया जाएगा। जिन पूर्व अधिकारियों की सुरक्षा मंजूरी बर्खास्त की जाएगी, उनमें वे लोग शामिल हैं, जिन्होंने साल 2020 में जो बाइडन के बेटे हंटर बाइडन के लैपटॉप मामले की जांच की थी। ट्रंप के इस फैसले से स्पष्ट है कि पूर्व खुफिया अधिकारियों के साथ ही हंटर बाइडन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। यह कार्रवाई डोनाल्ड ट्रंप की अपने विरोधियों के खिलाफ प्रतिशोध की कार्रवाई का संकेत देती है। इसे लेकर ट्रंप और खुफिया अधिकारियों के बीच नाराजगी बढ़ सकती है। जिन पूर्व अधिकारियों की सुरक्षा मंजूरी को हटाया जा सकता है, उनमें पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की सरकार में राष्ट्रीय खुफिया निदेशक जेम्स क्लीपर और पूर्व सीआईए निदेशक जॉन ब्रेनन जैसे प्रमुख अधिकारी शामिल हैं। साथ ही जॉन बॉल्टन का नाम भी शामिल है, जो ट्रंप के पिछले कार्यकाल में सुरक्षा सलाहकार थे, लेकिन उन्हें ट्रंप ने बर्खास्त कर दिया था।
इस फैसले से हंटर बाइडन की बढ़ेंगी मुश्किलें
अक्तूबर 2020 में अमेरिकी मीडिया में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी, जिस पर खूब विवाद हुआ था। दरअसल पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन के बेटे हंटर बाइडन पर आरोप लगे थे कि उन्होंने यूक्रेन के एक अभियोजक को बर्खास्त कराने के लिए अपने पिता के पद का इस्तेमाल किया था। जिस अभियोजक को बर्खास्त किया गया, वे एक कंपनी की जांच कर रहे थे, जिसमें हंटर बाइडन भी निदेशक थे। इस मामले में आरोप लगे कि जो बाइडन अपने बेटे के कारोबार से वाकिफ थे और उन्होंने बेटे को फायदा पहुंचाने के लिए पद का गलत इस्तेमाल किया। डेलावेयर की एक लैपटॉप रिपेयर शॉप से संदिग्ध ईमेल लीक हुए थे। हालांकि खुफिया अधिकारियों ने एक पत्र में बताया कि ये ईमेल असली हैं या नहीं, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई, साथ ही उन्होंने इस मामले में रूस का हाथ होने की भी आशंका जाहिर की थी। उस पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले पूर्व खुफिया अधिकारियों की ही सुरक्षा मंजूरी हटाई गई है। इससे इन पूर्व अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। अमेरिका में आमतौर पर सुरक्षा मंजूरी वाले लोगों से जुड़े विवाद से अदालतें भी दूर रहती हैं, लेकिन अब ट्रंप के नए फैसले के बाद इसकी जांच हो सकेगी। ट्रंप पूर्व में ऐसे आरोप लगा चुके हैं कि खुफिया विभाग का उनके खिलाफ राजनीतिकरण किया गया और 2016 के चुनाव प्रचार के दौरान उनके और रूस के कथित संबंधों का मुद्दा बार-बार उठाया गया।