मुंबई, मुंबई सहित महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा है। हर दिन आने वाले नए केसों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। मुंबई में जहां रोजाना लगभग 10 हजार नए मामले मिल रहे हैं, वहीं राज्य में 50 हजार से अधिक केस सामने आ रहे हैं। इस बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते ऑक्सीजन की खपत भी काफी बढ़ गई है। महज डेढ़ महीने में महाराष्ट्र में ऑक्सीजन की खपत पांच गुना बढ़ गई है।
मुंबई सहित महाराष्ट्र में कोरोना की दूसरी लहर ने दस्तक दे दी है। मध्य फरवरी से कोरोना वायरस का कहर फिर से उफान पर हो गया है। यह लहर इतनी तेज है कि राज्य में रोजाना 50 हजार से अधिक लोगों को संक्रमित कर रही है। इनमें से करीब 20 फीसद मरीजों को अस्पताल की आवश्यकता पड़ रही है। अस्पताल में बढ़ते मरीजों की संख्या से ऑक्सीजन की खपत भी बढ़ गई है।
एफडीए के संयुक्त आयुक्त डी.आर.गहाने ने बताया कि जब दिसंबर जनवरी और फरवरी की शुरुआत में कोरोना के मामले कम थे, तो उस समय राज्य में ऑक्सीजन की खपत 150 टन थी, वह अब पांच गुना बढ़ गई। वर्तमान में राज्य में रोजाना 700 टन ऑक्सीजन की खपत हो रही है। उन्होंने बताया कि फिलहाल राज्य में रोजाना 1250 टन ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है। इसलिए अभी राज्य में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है।
रोजाना 10 फीसद बढ़ेगी खपत
गहाने ने बताया कि जिस तरह राज्य में रोजाना 10 फीसद मरीज बढ़ रहे है, उसके हिसाब से ऑक्सीजन की खपत भी बढ़ेगी। ऑक्सीजन की कमी न पड़े इसके लिए राज्य सरकार अभी से ही इंतजाम में जुट गई है। पड़ोसी राज्य गुजरात और छत्तीसगढ़ से ऑक्सीजन की सप्लाई कराने के लिए वहां की सरकार से बातचीत चल रही है।
सितंबर में थी 850 टन की खपत
राज्य में बीते वर्ष सितंबर में जब कोरोना उफान पर था, उस समय ऑक्सीजन की खपत अस्पतालों में बढ़ गई थी। उस समय रोजाना अस्पतालों में 850 तन ऑक्सीजन की खपत हो रही थी। गहाने ने बताया कि अगर इसी तरह राज्य में कोरोना के मरीज बढ़ते रहे तो वह दिन दूर नहीं, जब सितंबर के मुकाबले राज्य में ऑक्सीजन की खपत अधिक हो जाएगी।
डेढ़ महीने में 5 गुना बढ़ी ऑक्सीजन की खपत, फरवरी में 150 टन और मार्च में 700 टन ऑक्सीजन की हुई खपत
714
смешные мемы смешные мемы .