पश्चिम महाराष्ट्र के सतारा जिले में तेज बारिश के कारण बीते शुक्रवार को भारी भूस्खलन हुआ। इस घटना में एनडीआरएफ ने अब 11 लोगों के शव बरामद किए हैं जबकि आठ फंसे लोगों की तलाश अब भी जारी है। एसपी ने अपने बयान में कहा कि सतारा जिले में लगातार बारिश के कारण दो गांव या तो कट गए हैं या डूब गए हैं, जिससे राहत कार्यों के लिए भारी मशीन लाने में परेशानी हो रही है।
महाराष्ट्र में अबतक 52 लोगों की मौत
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने कहा कि महाराष्ट्र में बारिश से संबंधित घटनाओं में मरने वालों की संख्या शनिवार को 52 तक पहुंच गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि तलिये गांव में आधिकारिक तौर पर मरने वालों की संख्या 37 है, जबकि शेष 10 मौतें एक ही जिले में भूस्खलन की दो अलग-अलग घटनाओं में हुई हैं। महाराष्ट्र आपदा प्रबंधन ने ने भूस्खलन प्रभावित विभिन्न क्षेत्रों को चिह्नित करते हुए रेड अलर्ट जारी किया है। नौ जिलों में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से 90,000 लोगों को स्थानांतरित किया गया है। वहीं इन क्षेत्रों में एनडीआरएफ की 21 टीमों के साथ तटरक्षक बल और अन्य 14 टीमें एक साथ काम कर रही हैं।
राहत बचाव कार्य जारी
एनडीआरएफ की टीम ने कोल्हापुर में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से 600 से अधिक ग्रामीणों को बचाया और चीनी मिल के एक केंद्र में स्थानांतरित किया।राजापुर और कुरुंदवाड़ गांवों में जल स्तर बढ़ गया था। प्रखंड प्रशासन की मदद से एनडीआरएफ ने तीन गांवों के कई लोगों को बचाया।
देश में बाढ़ से निपटने के लिए एनडीआरएफ की 149 टीम तैनात
देश के किसी भी हिस्से में बाढ़ के दौरान तत्काल प्रतिक्रिया के लिए, देश के विभिन्न हिस्सों में एनडीआरएफ की कुल 149 टीमों को तैनात या तैनात किया गया है।
उद्धव ठाकरे ने प्रभावित क्षेत्रों का किया दौरा
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शनिवारको क्षेत्र में लगातार बारिश के बाद बाढ़ जैसी स्थिति की समीक्षा करने के लिए रायगढ़ के महाड के तलिये गांव का दौरा किया। प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद उन्होंने कहा कि बाढ़ से जिन लोगों को नुकसान हुआ है, उन्हें मुआवजा दिया जाएगा। हम कोशिश करेंगे कि भविष्य में ऐसी घटनाओं में किसी की जान न जाए।