
महाकुंभ से पलट प्रवाह के चलते काशी विश्वनाथ के दर्शन को भीड़ उमड़ रही है। देशभर से पहुंच रहे श्रद्धालु 8-8 घंटे लाइन में लगकर दर्शन कर रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर मंदिर के आसपास सक्रिय दलाल प्रति व्यक्ति से 500, 1000, 1500 रुपये लेकर शॉर्टकट दर्शन करा दे रहे हैं। दलालों का तो कहना है कि इसमें पुलिस भी मिली हुई है। दलाल पैसे लेकर गेट के पास लगे बैरियर तक छोड़ते हैं। यहां पुलिस पहले हटाती है, इसी बीच दलाल सिपाही को इशारा करता है तो सिपाही खुद ही लाइन में लगा देता है। ऐसे में आधे घंटे में दर्शन हो जाते हैं। यह खुलासा अमर उजाला की टीम की पड़ताल और मोबाइल कैमरे में कैद हुआ। दरअसल पिछले कुछ दिनों से लगातार शिकायतें आ रही थीं कि रुपये लेकर दर्शन कराए जा रहे हैं, जबकि मंदिर प्रबंधन इस बात को नकार रहा था। इस पर बुधवार की सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक अमर उजाला के तीन रिपोर्टर काशी विश्वनाथ मंदिर के बाहरी इलाके में गए और दर्शन करने के लिए दलालों से संपर्क साधा। फिर उनकी बातें कैमरे में रिकॉर्ड की और पैसे देकर लाइन में भी लगे।
इलाके में चप्पे चप्पे पर घूम रही है दलालों की टीम
यह हाल लगभग हर गेट का रहा। दलालों की पूरी की पूरी टीम इलाके में चप्पे चप्पे पर घूम रही है। गोदौलिया से चार नंबर गेट के बीच में जोशी ब्राह्मण संघ का आईडी कार्ड पहने एक भगवा कपड़े वाला व्यक्ति भी मिला। उसने पूछा कहां से आए हो। रिपोर्टर ने कहा कुंभ से तो बोला इतनी लंबी लाइन है। आप आगे से चलो तो दर्शन करवा दूंगा। पहले 1000 रुपये मांगे फिर 500 पर मान गए। इसी तरह जालान्स के पास एक सफेद कुर्ता-पायजामा पहने व्यक्ति मिला। वो बोला अंदर हनुमान जी के मंदिर में शास्त्री हूं, सभी जानते-पहचानते हैं। फिर कहा एक व्यक्ति का 1100 लगेगा। फिर 1500 में दो लोग के लिए राजी हो गया। जब पूछा पैसे कब देना होंगे तो कहा पहले परमात्मा को खुश कर लें फिर आकर पैसे दे दीजिएगा। हालांकि इन सभी दलालों ने पैसे कैश में लेने की बात कही। अगर ऑनलाइन देंगे तो प्रसाद वाले दुकानदार को देना होगा। झोला बेचने वाले एक व्यक्ति ने तो ये भी कहा कि 20 हजार में स्पर्श दर्शन भी करवा देंगे। हालांकि जब हमारी टीम ने भोजपुरी या बनारसी भाषा में बात की तो इनमें से कोई भी पैसे या दर्शन करवाने को राजी नहीं हुआ। बोला, जा मालिक तोके के रोकी। लाइन में लगकर दर्शन कर लीजिए…। टीम जब दर्शन करके लौटी तो सुजीत कुमार ने कहा कि कभी भी आओ, कोई आपका जानने वाला हो। मेरा नाम बता देना, मुझसे संपर्क करा देना आराम से दर्शन करा दूंगा। उससे रुपया भी तय किया और कहा आगे से मोलभाव मत करना, 500 रुपये प्रति व्यक्ति ही लेंगे। नंबर मांगने पर कभी भी बैंक ऑफ बड़ौदा, एटीएम के पास आ जाना। दाल, चावल, बाटी, चोखा के बगल में किसी से भी पूछ लेना कि सुजीत कुमार फूल वाले कहां है। मैं हमेशा यहीं मिलूंगा। कुछ दलालों ने तो हमारी टीम को बकायदा मोबाइल नंबर भी दिया। कहा दिक्कत हो तो फोन कर लेना। नंबर है 7081244668, 7565913431। मंदिर के बाहर कौन क्या कर रहा है, इसकी जानकारी नहीं है। अगर जानकारी में आएगा तो कार्रवाई की जाएगी। मामले में पुलिस की संलिप्तता के ठोस साक्ष्य मिले तो भी कार्रवाई होगी।
भीतर जाने का कोड- अंदर दुकान है वहां मोबाइल, पर्स, चाबी छूट गई है, वही लेने जा रहे हैं
टीम गोदौलिया चौराहे पर पहुंची। यहां लोगों को टीका, चंदन लगा रहे लोगों से दर्शन के बारे में पूछना शुरू कर दिया। 1500 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से दर्शन का दावा करने लगे। इसमें वे भी शामिल थे, जो फूल-माला की दुकान लगा रहे हैं। पान बेच रहे हैं। कुछ स्थानीय लोग भी हैं, जो दिनभर सिर्फ यही काम करते हैं। टीम से कुछ लोगों ने 2000 रुपये तक मांगे तो टीम ने मना कर दिया और आगे बढ़ गई। इसी बीच एक टीका लगाने वाले एक व्यक्ति ने अपना नाम धीरज पांडेय बताया। उसने कहा कि 1500 रुपये में दर्शन करा दूंगा। लाइन में लगेंगे तो कई घंटे लग जाएंगे। मैं, गेट नंबर तीन से एंट्री करा दूंगा। टीम ने कहा कि रुपये ज्यादा हैं, कुछ कम करिए। बात 500 रुपये में तय हो गई। वह व्यक्ति टीम के एक रिपोर्टर को एक फूल वाले की दुकान पर ले गया। उसे बताया कि बात फाइनल हो गई है, दर्शन करा दो। फूल वाला उन्हें लेकर गेट नंबर तीन पर पहुंचा और लाइन में लगने को कहा। वहां लगे सिपाही ने हटाया तो फूल वाले ने उसे आंखों से कुछ इशारा किया। इस पर सिपाही ने लाइन में लगा लिया। लाइन में पहले से लगे भक्तों ने विरोध जताया तो फूल वाले ने कहा कि अंदर दुकान है मेरी। वहां मोबाइल छूट गया है। वही लेने जा रहे हैं। सिपाही ने भी हामी भरी है और इस तरह से गोदौलिया से शुरू होने वाली लाइन में नहीं लगना पड़ा। दलाल ने ये भी कहा कि अंदर कोई सिपाही पूछे तो यही कहना – मोबाइल छूट गया है। दुकान खोजने के बहाने जितने आगे पहुंच पाना तुम पहुंच जाना। दरअसल, यही मंदिर की अंदर लाइन में लगवाने का कोड है। टीम के रिपोर्टर गेट नंबर दो पर पहुंचे। यहां भी कई फूलवाले दर्शन कराने का दावा कर रहे थे। एक व्यक्ति जिसने अपना नाम सुजीत कुमार फूलवाले बताया। दावा किया कि 1000 हजार रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से दर्शन जल्दी करा देगा। गेट से एंट्री हो जाएगी। महाकुंभ का पलट प्रवाह नहीं होता तो सीधे अंदर ले चलता। यहां भी टीम ने एक व्यक्ति के दर्शन की बात कही और मोलतोल किया तो 500 रुपये में बात बन गई। शर्त यह भी रखी कि 250 रुपये वाला प्रसाद का पैकेट लेना पड़ेगा। रिपोर्टर ने 250 रुपये का प्रसाद का पैकेट लिया और फूल वाले के साथ गया। यहां 6-7 सिपाही खड़े थे। पहले पुलिसकर्मियों ने रोका, इसी बीच सुजीत कुमार ने एक सिपाही से कुछ बात की तो सिपाही के इशारे पर दूसरे सिपाही ने लाइन में लगा दिया। फूलवाले ने यह भी कहा कि अगर लाइन में हंगामा हो या कोई बात हो तो कह देना कि अंदर की दुकान में मेरा पर्स, कार की चाबी वगैरह छूट गई है, वही लेने जा रहा हूं। इस तरह यहां से भी एंट्री हो गई।