इंद्रप्रस्थ इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी दिल्ली (आईआईआईटीडी) के 13वें दीक्षांत समारोह में 745 स्नातकों को डिग्रियां देकर सम्मानित किया गया। समारोह में 516 बीटेक स्नातकों, 200 एमटेक और 29 पीएचडी के विद्यार्थियों को डिग्रियां मिली। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष डॉ. एस सोमनाथ रहे। उन्होंने कहा कि देश को विकसित अर्थव्यवस्था बनाने के लिए क्रांतिकारी परिवर्तन करना होगा। आर्थिक विकास को गति देने के लिए प्रौद्योगिकी उन्नति और उत्पाद विकास के महत्व पर बल देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अगर देश तीसरी, दूसरी या पहली सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बनना चाहता है, तो क्रांतिकारी बदलाव की जरूरत है। विकास केवल व्यापार और संसाधनों से नहीं होगा। हमें प्रौद्योगिकी में मूल्य सृजन की जरूरत है, जो उत्पाद विकास को शक्ति प्रदान करें। उन्होंने अंतरिक्ष में भारत की हालिया प्रगति पर भी प्रकाश डाला। देश के सफल चंद्र मिशनों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि गति बनाए रखने के लिए निरंतर प्रयास और नवाचार आवश्यक हैं। उन्होंने कहा, हम एक ऐसे स्तर पर पहुंच गए हैं जहां हम पांचवीं सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था हैं। लेकिन, आगे बढ़ने के लिए अपनी तकनीक का निर्माण और सुधार करना होगा। सोमनाथ ने अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी क्षेत्र के लिए खोलने की सरकार की हालिया पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह सही दिशा में उठाया गया कदम है।
माता-पिता व शिक्षकों की भूमिका सराहनीय: सक्सेना
इसमें 745 विद्यार्थियों को डिग्रियां देकर सम्मानित किया गया। इसमें उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने भाग लिया। उन्होंने छात्रों की कड़ी मेहनत, समर्पण और दृढ़ संकल्प के लिए बधाई दी। साथ ही, उनकी उपलब्धियों की सराहना की। उन्होंने छात्रों के माता-पिता, मार्गदर्शकों और शिक्षकों की भूमिका को भी सराहा। आईआईआईटीडी के डायरेक्टर प्रो. रंजन बोस ने डिग्री मिलने वाले छात्रों की यात्रा को याद करते हुए कहा, यह बैच कोविड लॉकडाउन के दौरान संस्थान में शामिल हुआ था। ऐसे में छात्रों ने अपनी पढ़ाई ऑनलाइन शुरू की। दूर रहकर पढ़ाई करना और अनिश्चितता जैसी चुनौतियों के बावजूद उन्होंने असाधारण प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया।
दीक्षांत समारोह में 745 स्नातकों को मिली डिग्री, एस सोमनाथ बोले- देश को क्रांतिकारी विकास की जरूरत
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