भारत में 2023 में लगभग 85 लाख उपकरणों पर 40 करोड़ से अधिक साइबर हमले हुए हैं। यानी हर मिनट 761 साइबर हमले हुए। इनमें से सूरत (15 फीसदी) और बंगलूरू (14 फीसदी) में सबसे अधिक मामले देखे गए हैं। इनमें से 50 फीसदी से अधिक मीडिया और नेटवर्क ड्राइव से जुड़े हैं। डाटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (डीएससीआई) की रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग 25 फीसदी हमले ईमेल और वेबसाइटों में दुर्भावनापूर्ण लिंक पर क्लिक करने के कारण होते हैं। एंड्रॉयड डिवाइस के जरिये भी प्रति माह औसतन तीन हमले देखे गए है। रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसे फर्जी एप को लाखों उपयोगकर्ताओं की ओर से डाउनलोड किया गया है, जिनके जरिये डिवाइस में सेंध लगाई जाती है।
इसरो पर भी साइबर अटैक
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने हाल में ही कहा था कि देश की अतंरिक्ष एजेंसी हर रोज करीब 100 से अधिक साइबर हमलों का सामना कर रही है। केरल में अंतरराष्ट्रीय साइबर सम्मेलन का 16वां संस्करण आयोजित किया गया था। कोच्चि में आयोजित कार्यक्रम के समापन सत्र में सोमनाथ ने कहा था कि रॉकेट तकनीक में साइबर हमलों की संभावना बहुत अधिक है। साइबर आरोपी अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर और चिप का उपयोग करते हैं। हालांकि, इसरो ऐसे हमलों से निपटने के लिए तैयार है। हम मजबूत साइबर सुरक्षा नेटवर्क से लैस हैं। इसरो रॉकेट के अंदर हार्डवेयर चिप्स की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित किए हुए है। इसके लिए वह विभिन्न परीक्षणों पर आगे बढ़ रहा है। भारत में पिछले छह महीनों में हर हफ्ते साइबर हमलों में तीन सेक्टर सबसे अधिक प्रभावित थे। इसमें स्वास्थ्य-सेवा, शिक्षा-अनुसंधान और यूटैलिटी शामिल हैं। चेक प्वाइंट की थ्रेट इंटेलिजेंस रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 6 माह में भारत में प्रत्येक सेक्टर पर प्रति सप्ताह औसतन 2,157 बार साइबर हमले हुए, जबकि वैश्विक स्तर पर प्रति संगठन 1,139 बार हमले हुए। विशेषज्ञों ने कहा कि खुदरा, हॉस्पिटैलिटी, विनिर्माण और परिवहन क्षेत्रों को भी साइबर सुरक्षा पर तेजी से आगे बढ़ना होगा।