भारत में ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त फिलिप ग्रीन ने कहा, डिजिटल प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा और बुनियादी ढांचा जैसे क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण के लिहाज से सहयोग बढ़ाने के व्यापक अवसर मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया का कौशल प्रशिक्षण विश्वस्तर पर प्रतिस्पर्धी है और इसके प्रशिक्षण पाठ्यक्रम उद्योग के परामर्श से विकसित किए जाते हैं। ग्रीन ने ऑस्ट्रेलिया-भारत कौशल भागीदारी शिखर सम्मेलन में कहा कि ऑस्ट्रेलिया भारत की विकास यात्रा का अहम हिस्सा बनना चाहता है, क्योंकि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
मजबूत साझेदार बनेंगे
ऑस्ट्रेलिया के पास कई कौशल और धातुएं, खनिज व ऊर्जा हैं, जिनकी भारत को अपने वृद्धि के अगले चरण के लिए जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में भारतीय मूल के 10 लाख लोग हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दोनों देश मजबूत साझेदार बनेंगे। कौशल तथा प्रशिक्षण इसे अटूट बना सकते हैं। यह प्रति वर्ष आठ प्रतिशत की दर से बढ़ रही है और अगले एक दशक में यह दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है, जाहिर है ऐसे में दुनिया के हर देश की भारत में दिलचस्पी है। उन्होने कहा कि भारत को अगले दशक में अपने कौशल की मांग को पूरा करने में ऑस्ट्रेलिया मदद कर सकता है।