आईपीएल 2025 से पहले मेगा ऑक्शन होना है। इसको लेकर सभी 10 फ्रेंचाइजी को अपनी रिटेन और रिलीज किए गए खिलाड़ियों की लिस्ट बतानी होगी। इसका सभी फैंस बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। हालांकि, अभी तक बीसीसीआई ने रिटेंशन पॉलिसी को लेकर कुछ फैसला नहीं लिया है। ऐसे में रिटेंशन को लेकर इंतजार बढ़ता जा रहा है। इसी पॉलिसी पर महेंद्र सिंह धोनी का भविष्य भी टिका हुआ है। आईपीएल 2024 में सीएसके का सफर लीग स्टेज में ही खत्म हो गया था। इसके बाद से धोनी के भविष्य को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। कुछ क्रिकेट पंडितों का मानना है कि धोनी अब कभी वापस नहीं आएंगे, जबकि कुछ का कहना है कि उनमें अभी भी कुछ क्रिकेट बचा है और वह अगला सीजन जरूर खेलेंगे। इसी बीच एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चेन्नई सुपर किंग्स की टीम धोनी को रिटेन करने को तैयार है। बीसीसीआई फिलहाल आईपीएल 2024 की रणनीति पर विचार कर रहा है। कई फ्रेंचाइजी और उनके अधिकारियों ने पहले ही उन खिलाड़ियों की संख्या पर प्राथमिकताएं सौंप दी हैं जिन्हें वे बनाए रखना चाहते हैं। वहीं, कुछ फ्रेंचाइजी ने रिटेंशन संख्या को आठ तक बढ़ाने का अनुरोध किया है, जबकि कुछ एक भी खिलाड़ी को बनाए रखने के इच्छुक नहीं हैं। अंतिम रिटेंशन संख्या पांच या छह होने की संभावना है, लेकिन बीसीसीआई ने अभी इस मामले पर औपचारिक सूचना जारी नहीं की है। बीसीसीआई के सामने एक और मामला यह है कि कुछ फ्रेंचाइजी ने संन्यास ले चुके खिलाड़ियों को ‘अनकैप्ड’ के रूप में वर्गीकृत करने की मांग रखी है। इनमें सीएसके फ्रेंचाइजी भी शामिल है।
सुपरकिंग्स ने बीसीसीआई से पुराने नियम को वापस लाने का आग्रह किया था जिसके तहत संन्यास ले चुके खिलाड़ी को अनकैप्ड खिलाड़ियों की श्रेणी में रखा जा सकता है। सीएसके ने यह उम्मीद करते हुए अनुरोध किया कि नियम की वापसी से उन्हें एमएस धोनी को सस्ती कीमत पर बनाए रखने की अनुमति मिलेगी। हालांकि, इसको अन्य चुनौतियां भी हैं। क्रिकबज की एक रिपोर्ट के अनुसार, बीसीसीआई सितंबर के अंत तक रिटेंशन नियमों की घोषणा को टालने के लिए तैयार है। इससे पहले अगस्त की डेडलाइन थी। बोर्ड कथित तौर पर सीएसके के अनुरोध पर गंभीरता से विचार कर रहा है क्योंकि धोनी के एक खिलाड़ी के रूप में एक और साल का विस्तार से न केवल फ्रेंचाइजी को बल्कि आईपीएल को भी फायदा होगा।
हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि धोनी को रिटेन करना सीएसके के लिए सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। बीसीसीआई अगर फ्रेंचाइजी को सिर्फ दो रिटेंशन की अनुमति भी देता है तो भी थाला को बरकरार रखा जाएगा। जहां तक अनकैप्ड खिलाड़ियों को रिटेन करने की लागत का सवाल है तो बीसीसीआई रिटेन किए गए खिलाड़ियों की संख्या के आधार पर फ्रेंचाइजी के पर्स से बैलेंस काटने पर विचार कर रहा है, न कि रिटेन किए गए खिलाड़ियों के पैसे को ध्यान में रखते हुए। इस तरह से फ्रेंचाइजी फैसला कर पाएंगी कि उन्हें रिटेन किए गए खिलाड़ियों को कितनी राशि दी जाए। ऐसे में धोनी को कैप्ड या अनकैप्ड खिलाड़ी के रूप में बनाए रखा जाता है तो जो भी पैसे उन्हें मिलेंगे वह उनका और सीएसके का फैसला होगा।