कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नए पासपोर्ट के लिए एक याचिका दाखिल की है जिसके विरोध में सुब्रमण्यम स्वामी उतर आए हैं। उन्होंने विरोध करते हुए कहा कि इससे नेशनल हेराल्ड मामले में जांच प्रभावित हो सकती है। वहीं दिल्ली की एक अदालत 26 मई को इस मामले की सुनवाई करेगी। राहुल गांधी ने सामान्य पासपोर्ट के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) लेने के लिए अदालत का रुख किया है। इस पर अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट मेहता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी को आवेदन पर जवाब दाखिल करने का अधिकार है। सुब्रमण्यम स्वामी नेशनल हेराल्ड मामले में शिकायतकर्ता हैं, वह व्यक्तिगत रूप से पेश हुए और आवेदन का विरोध किया। कोर्ट ने कहा कि मामला 2018 से लंबित है और राहुल गांधी विदेश यात्रा करते रहे हैं। वह भाग जाएगा या फरार हो जाएगा ऐसी कोई आशंका नहीं है। कोर्ट ने कहा कि यात्रा का अधिकार मौलिक अधिकार है। राहुल गांधी के वकील तर्रनम चीमा के साथ अधिवक्ता निखिल भल्ला और सुमित कुमार ने भी प्रस्तुत किया कि कोई आपराधिक कार्यवाही लंबित नहीं है और विदेश यात्रा एक मौलिक अधिकार है।आवेदन में कहा गया है कि आवेदक की मार्च 2023 में संसद सदस्यता समाप्त हो गई और फिर उन्होंने अपना राजनयिक पासपोर्ट जमा कर दिया तथा वह एक नए सामान्य पासपोर्ट के लिए आवेदन कर रहे हैं। वर्तमान आवेदन के माध्यम से, आवेदक नए सामान्य पासपोर्ट के लिए इस न्यायालय से अनुमति और अनापत्ति मांग रहे हैं। अदालत ने 19 दिसंबर 2015 को गांधी और अन्य को नेशनल हेराल्ड मामले में जमानत दे दी थी।
सोनिया गांधी और राहुल के खिलाफ चल रहा केस
नेशनल हेराल्ड केस दिल्ली की एक अदालत में चल रहा है और सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी, राहुल गांधी और उनसे जुड़े कुछ लोगों के खिलाफ दायर किया गया था।