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नगर पालिका ने हाईकोर्ट में दाखिल किया हलफनामा, कहा- कंपनी ने बिना अनुमति के खोला पुल

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मोरबी नगरपालिका ने गुजरात हाईकोर्ट को बताया है कि जिस कंपनी को पुल की मरम्मत का काम सौंपा गया था, उसने मरम्मत कार्य के बारे में सूचित किए बिना ही बगैर अनुमति के इसे खोल दिया था। बता दें कि बीते अक्तूबर महीने के अंत में मच्छु नदी पर बना यह पुल गिर गया था। इस हादसे में 135 लोगों की मौत हो गई थी। नगरपालिका ने बुधवार को हाईकोर्ट को एक हलफनामा दाखिल किया। पालिका ने कहा कि 8 मार्च, 2022 के समझौते (नगर निकाय और कंपनी के बीच) की चार शर्तें तय कीं गई थीं। हलफनामे में बताया गया है कि इनमें से एक शर्त में कहा गया था कि अजंता (ओरेवा समूह) इसका उचित रूप से मरम्मत करेगी और इसमें समझौते की तारीख से कम से कम 8 से 12 महीने लगेंगे, जिसके बाद ही इसे जनता के लिए बड़े पैमाने पर खोला जाएगा। नगर निकाय ने चीफ जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस आशुतोष शास्त्री की डिविजन बेंच के सामने हलफनामा दायर किया। कोर्ट मामले का स्वत: संज्ञान लेने के बाद सुनवाई कर रही है। मोरबी शहर में मच्छू नदी पर यह पुल ब्रिटिश काल में बनाया गया था। पुल ढहने के पांच दिन पहले ही इसके मरम्मत का काम पूरा हुआ था। इसके बाद इसे आम जनता के लिए खोल दिया गया था। 30 अक्तूबर की शाम पुल ढहने से 135 लोगों की मौत हो गई थी। हाईकोर्ट ने अजंता मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड (ओरेवा समूह) से जवाब मांगा है कि अनुमति न होने के बावजूद पुल के इस्तेमाल करने के लिए अनुमति देने के क्या कारण थे। अहमदाबाद स्थित ओरेवा समूह इस पुलका रखरखाव और प्रबंधन कर रहा था। मोरबीनगरपालिका ने अपने हलफनामे में कहा कि 8 मार्च, 2022 को नगर निकाय और अजंता मैन्युफैक्चरिंग के बीच किए गए एक समझौते की एक शर्त के मुताबिक, बड़े पैमाने पर जनता के लिए खोलने से पहले पुल की उचित मरम्मत की आवश्यकता थी।

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