दुनियाभर मे मंदी का दौर जारी है। भारत हो या अमेरिका हर जगह महंगाई बढ़ती जा रही है और शेयर बाजार में स्टॉक्स के दाम फिसलते जा रहे हैं। भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुका है। जिनके पास पूंजी है वे चिंता में हैं कि अपने पैसों को कहां निवेश करें, क्योंकि शेयर बाजार इन दिनों मंदी के दौर से गुजर रहा है। इन मुश्किल हालातों में अक्सर लोग सोना को निवेश के लिए सबसे भरोसेमंद मानते हैं, पर अभी सोने पर भी मंदी छायी हुई है। अगर भारतीयों की बात करें तो सोना यहां हमेशा से ही लोगों के आकर्षण का केंद्र रहा है, पर निवेश के मामले में यह भी तीसरे नंबर पर है। बात का खुलासा इनवेंस्टमेंट बैंकर जेफरीज की एक रिपोर्ट में हुआ है। इस रिपोर्ट की मानें तो कुछ भारतीय बैंक सावधि जमा (एफडी) और अन्य जमा योजनाओं में निवेश को भी बेहतर बेहतर मानते हैं पर जिस पर भारतीय सबसे ज्यादा पैसा लगाते हैं उनमें यह भी पहले नंबर पर नहीं है। जेफरीज की रिपोर्ट के अनुसार भारतीयों का पसंदीदा निवेश विकल्प रियल एस्टेट है। मार्च 2022 में भारत के लोगों ने अपनी घरेलू बचत का लगभग आधा हिस्सा रियल एस्टेट संपत्तियों में निवेश किया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक बैंक जमा इस मामले में दूसरे नंबर पर है जबकि सोना भारतीय परिवारों के बीच निवेश का तीसरा पसंदीदा विकल्प है।
49.4 प्रतिशत भारतीय परिवारों ने अचल संपत्ति में लगाया पैसा
जेफरीज की रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2022 में भारतीय परिवारों की 10.7 लाख डॉलर की संपत्ति में से तकरीबन 49.4 प्रतिशत अचल संपत्ति संपत्तियों में निवेश किया गया है। वहीं, भारत परिवारों ने अपनी बचत का महज 15 प्रतिशत ही सोने में निवेश किया है। जेफरीज की इस रिपोर्ट में कोरोना संकट का प्रभाव भी साफ तौर पर दिख रहा है। भारतीय परिवारों ने अपनी बचत का लगभग 6.20 प्रतिशत बीमा पर भी खर्च किया है। यह भारतीयों के लिए निवेश के सबसे पसंदीदा विकल्प के मामले में चौथे नंबर पर आता है।
निवेश के मामले में शेयर बाजार छठे नंबर पर
जेफरीज की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में निवेश करने के मामले में भविष्य निधि और पेंशन 5 वें नंबर पर आता है। मार्च 2022 में भारतीय परिवारों की 10.70 ट्रिलियन डॉलर की बचत का 5.70 प्रतिशत भविष्य निधि और पेंशन पर खर्च किया गया है। इसके बाद नंबर आता है शेयर बाजार का। निवेश के मामले में स्टॉक मार्केट छठे नंबर पर है। भारतीय इक्विटी बाजारों में विदेशी संस्थागत निवेशकों एफआईआई की भारी बिकवाली के बावजूद घरेलु संस्थागत निवेशकों डीआईआई का बाजार पर भरोसा बना हुआ है। घरेलू निवेशक अक्टूबर 2021 के बाद स्टॉक मार्केट में नेट बायर यानी शुद्ध खरीदार बने हुए हैं। मार्च 2022 में कुल भारतीय परिवारों की बचत का लगभग 4.80 प्रतिशत शेयर बाजार में निवेश किया गया है।