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नारायण मूर्ति ने तिरुपति मंदिर में दान किया सोने का शंख और कछुआ, इसका वजन करीब दो किलोग्राम

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इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति और उनकी पत्नी सुधा मूर्ति अक्सर अपने परोपकारी और दान पुण्य के कामों को लेकर चर्चा में रहते हैं। इस बार मूर्ति दंपती ने आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरूपति में भगवान बालाजी मंदिर को एक सोने का शंख और एक सोने के कछुए की मूर्ति भेंट की है। आंध्र सरकार के विशेष सलाहकार राजीव कृष्ण ने एक ट्वीट में बताया कि दोनों ने सोमवार को तिरुमाला में श्री वरुण मंदिर को सोने की धातु से बना खास अभिषेक शंख दान किया। उन्होंने ये कीमती वस्तुएं तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ईओ धर्मा रेड्डी को मंदिर दर्शन के दौरान सौंपी। इन बहुमूल्य स्वर्ण वस्तुओं का वजन करीब दो किलोग्राम बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, दंपती द्वारा भेंट की गई कीमती वस्तुओं का इस्तेमाल मंदिर में मूर्तियों की सफाई के लिए किया जाएगा। नारायण मूर्ति दिग्गजज टेक कंपनी इंफोसिस के संस्थापक हैं और उनकी पत्नी सुधा मूर्ति एक लेखिका और परोपकारी हैं। इसके अलावा सुधा तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट बोर्ड की सदस्य भी रह चुकी हैं। यह जोड़ा अपने परोपकारी प्रयासों के लिए जाना जाता है। महामारी के दौरान, इंफोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष सुधा मूर्ति ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मदद के लिए 100 करोड़ रुपये से अधिक देने का वादा किया था। उन्होंने यह भी कहा था कि उद्यमिता के मूल्य की तुलना में पैसा उनके लिए अपेक्षाकृत कम महत्व रखता है।
दानवीर कर्ण के चरित्र से प्रभावित हैं नारायण 
नारायण मूर्ति ने हाल ही में खुलासा किया था कि भगवद गीता ने उन्हें प्रेरित किया था और कर्ण अपने ‘उदार गुणों’ के कारण महाभारत में उनके पसंदीदा पात्र थे। उन्होंने कहा था कि उन्होंने कर्ण के मूल्यों को अपने जीवन में उतारने की कोशिश की है और उन्होंने इंफोसिस से जमा हुई संपत्ति को अपने सहयोगियों और अन्य कर्मचारियों के साथ खुशी-खुशी बांट दिया था।

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