भारत और भूटान के बीच न्यायिक और कानूनी सहयोग बढ़ाने के मकसद से चार समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। ये करार मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और उनके भूटानी समकक्ष ल्योनपो चोग्याल दागो रिगडजिन की अध्यक्षता में हुए एक कार्यक्रम में किए गए। सीजेआई सात से 10 अक्तूबर तक भूटान की आधिकारिक यात्रा पर थे। सुप्रीम कोर्ट से जारी बयान के अनुसार, सीजेआई जस्टिस चंद्रचूड़ ने नौ अक्तूबर को अपने भूटानी समकक्ष के साथ द्विपक्षीय न्यायिक सहयोग को मजबूत करने के तौर-तरीकों पर बात की। भूटान के सुप्रीम कोर्ट परिसर में दोनों देशों के मुख्य न्यायाधीशों की मौजूदगी में चार समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इनका उद्देश्य भारत और भूटान के बीच न्यायिक और कानूनी सहयोग बढ़ाना है। इनमें न्यायिक सहयोग बढ़ाने पर दोनों देशों के शीर्ष न्यायालयों के बीच समझौता ज्ञापन, राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, भोपाल और भूटान राष्ट्रीय विधि संस्थान के बीच कानूनी शिक्षा और दोनों संस्थाओं के बीच क्षमता निर्माण में सहयोग पर समझौता ज्ञापन का नवीनीकरण, कानूनी शिक्षा और अनुसंधान पर नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (एनएलएसआईयू), बंगलूरू और जेएसडब्ल्यू स्कूल ऑफ लॉ के बीच समझौता ज्ञापन का नवीनीकरण तथा मध्यस्थता को मजबूत करने और बढ़ावा देने के मामले में सहयोग के लिए भारतीय मध्यस्थता परिषद और भूटान वैकल्पिक विवाद समाधान केंद्र के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर शामिल हैं।
भूटान के राजा, राजकुमारी और पीएम से भी की मुलाकात
अपनी यात्रा के दौरान सीजेआई जस्टिस चंद्रचूड़ ने भूटान के राजा, राजकुमारी सोनम देचन वांगचुक और प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे से भी मुलाकात की। उन्होंने इन सभी के साथ दोनों देशों के बीच मित्रता और सहयोग के अप्रतिम व विशेष संबंधों सहित कई मुद्दों पर चर्चा की।
न्यायिक-कानूनी सहयोग बढ़ाने के लिए चार MOU पर हस्ताक्षर, CJI की चार दिवसीय यात्रा के दौरान करार
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