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‘परिवार को राजनीति से नहीं मिलाना चाहिए, भाई के तौर पर उनके कुछ कर्तव्य’, अजित के बयान पर केसरकर

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महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के बयान पर महाराष्ट्र सरकार में मंत्री दीपक केसरकर ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने उनेक बयान का गलत मतलब निकालने से बचने की सलाह देते हुए कहा कि राजनीति राजनीति है और परिवार परिवार है। हमें परिवार को राजनीति से नहीं मिलाना चाहिए। एक भाई के तौर पर यह अजित दादा कर्तव्य है कि वे रक्षाबंधन मनाने जाएं। साथ ही एक राजनीतिक नेता के तौर पर उन्हें महायुति के लिए आगे आना चाहिए। अजित पवार ने मंगलवार को माना था कि इस साल हुए लोकसभा चुनाव में अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ उतारला गलती थी। अजित ने कहा कि मैं अपनी सभी बहनों से प्यार करता हूं। राजनीति को घर-परिवार से बाहर रखना चाहिए। मैंने सुनेत्रा को चुनाव मैदान में अपनी बहन के खिलाफ उतारकर गलती की। ऐसा नहीं होना चाहिए था, लेकिन राकांपा के संसदीय बोर्ड ने यह निर्णय लिया था। अब मुझे लगता है कि यह निर्णय गलत था। यह पूछे जाने पर कि क्या वह अगले हफ्ते रक्षा बंधन पर अपनी बहन के यहां जाएंगे? अजित ने कहा कि वह अभी एक यात्रा पर हैं और अगर वह और उनकी बहनें उस दिन एक ही जगह पर होंगे, तो वह निश्चित तौर पर उनसे मिलेंगे।

चुनावों का गणित समझिए
दरअसल, लोकसभा चुनाव में सुनेत्रा पवार ने महाराष्ट्र की बारामती सीट पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरद चंद्र पवार (राकांपा-एसपी) की प्रत्याशी सुप्रिया सुले को चुनौती दी थी। हालांकि, चुनाव में सुनेत्रा को हार का सामना करना पड़ा था। बाद में उन्हें राज्यसभा भेज दिया गया था। पिछले साल जुलाई में अजित पवार और कई विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल हो गए थे। इससे राकांपा दो फाड़ हो गई थी। बाद में निर्वाचन आयोग ने अजित के नेतृत्व वाले गुट को असली राकांपा घोषित किया था।