बाद दक्षिण ने पहली पारी में 327 रन बनाए। पश्चिम ने दूसरी पारी में चार विकेट पर 585 रन का पहाड़ स्कोर बनाया। दक्षिण को मैच जीतने के लिए 529 रनों का लक्ष्य मिला, लेकिन वह दूसरी पारी में सिर्फ 234 रन ही बना सकी। पश्चिम क्षेत्र की टीम 19वीं बार दलीप ट्रॉफी जीतने में सफल रही। पश्चिम क्षेत्र ने पहली पारी में पिछड़ने के बाद दूसरी पारी में जबरदस्त वापसी की थी। चौथे दिन यशस्वी जायसवाल (265), सरफराज खान (नाबाद 127) और हेत पटेल (नाबाद 51 रन) की शानदार पारियों की मदद से पश्चिम क्षेत्र ने चार विकेट के नुकसान पर 585 रन बनाकर दूसरी पारी घोषित कर दी। चौथे दिन का खेल समाप्त होने तक दक्षिण क्षेत्र के 154 रन पर 6 विकेट गिर चुके थे। पांचवें दिन टीम अपने स्कोर में सिर्फ 80 रन ही जोड़ सकी। चौथे दिन स्टंप के समय आर साई किशोर एक और रवि तेजा 8 रन बनाकर क्रीज पर मौजूद थे। पांचवें दिन पश्चिम को पहली सफलता साई किशोर के रूप में मिली। किशोर को चिंतन गजा ने प्रियांक पांचाल के हाथों कैच कराया। साई किशोर ने सात रन बनाए। उनके बाद रवि तेजा भी आउट हो गए। शम्स मुलानी ने उन्हें एलबीडब्ल्यू किया। रवि तेजा ने 97 गेंद पर 53 रन बनाए। उन्होंने आखिरी दिन संघर्ष किया, लेकिन यह टीम के लिए काफी नहीं था। मुलानी ने रवि तेजा के बाद बासिल थम्पी को पवेलियन भेजा। थम्पी खाता खोले बगैर सरफराज खान को कैच थमा बैठे। आखिरी विकेट के रूप में कृष्णप्पा गौतम आउट हुए। गौतम ने 28 गेंद पर 17 रन बनाए। उन्होंने अपनी पारी में तीन चौके लगाए। गौतम को तनुष कोटियान ने जयदेव उनादकट के हाथों कैच कराया। दक्षिण के लिए दूसरी पारी में ओपनर रोहन कुन्नुम्मल ने 93 रन रन बनाए। पश्चिम के लिए शम्स मुलानी ने सबसे ज्यादा चार विकेट लिए। उनके अलावा जयदेव उनादकट और अतित सेठ ने दो-दो विकेट लिए।
पश्चिम क्षेत्र ने 19वीं बार दलीप ट्रॉफी पर किया कब्जा, अजिंक्य रहाणे की टीम ने दक्षिण को हराया
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